________________
०० योजन
०
०
०
चौदह राजू लोक रत्नप्रभा पृथ्वी का दल
१८०००० योजन
७
- खाली १० योजन/ खाली ९०० यो०
४
- खाली १०० योजन → खाली १९५८ ३1⁄2 योजन - प्रत्येक प्रतर ३०००योजन /
त्रसनाड़ी
OC
दश भवन पतियों के निकाय
खाली १० योजन,
आठ वाण व्यन्तर,
निकाय
Rw
AC
วี
の
आठ व्यन्तर निकाय
w
१०
- खाली
|~ खाली १००० यो०
लोक
३
DECO
२
३
४
५
६
の
- सिद्ध सिद्ध शिला ★ ५ अनुत्तर विमान
-६ ग्रैवेयक देव
४ ५
तृतीय"किल्विषिका
६
. १४
१३
१२
११
नौलोकान्तिक। र्ट द्वितीय- 15 किल्विषिक प्रथमकिल्विषिक ह चर स्थिर ज्योतिष्क द्वीप समुद्र
18 ८
सात नारक भूमियाँ ९ से 9 तक
१०
Core TW_ _ _LB__F
a
の
u
ܡ