SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 365
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३२८) जीव आठ प्रकार का भी होता है । १- सूक्ष्म पर्याप्त एकेन्द्रिय, २- बादर पर्याप्त एकेन्द्रिय, ३- सूक्ष्म अपर्याप्त एकेन्द्रिय, ४- बादर अपर्याप्त एकेन्द्रिय, ५- दो । इन्द्रिय, ६- तेइन्द्रिय, ७- चौइन्द्रिय और ८- पंचेन्द्रिया (६) अंडज आदि भेदतोऽष्टो त्रसास्तत्रांडजाः किल । पक्षिसपर्याद्या रसोत्था मद्य कीटादयोङ्गिनः ॥७॥ जरायुजा नृगवाद्या यूकाद्याः स्वेदजा मताः । संमूर्छ जा जलूकाधा पोतजा कुंजरादय ॥८॥. उभेदजाः खंजनाद्याः देवाद्याश्चौपपातिकाः ।। स्थवरेणैके न युक्ता नवधेत्यंगिनो मताः ॥६॥ . त्रिभिः विशेषकम् ॥ तथा जीव के नौ भी भेद होते हैं- स्थावर और आठ प्रकार के त्रस मिलकर नौ होते हैं। उसमें आठ प्रकार के बस इस प्रकार हैं; १-अंडज अर्थात् अण्ड में से उत्पन्न होते पक्षी सर्प आदि; २- रसज अर्थात् रस में से उत्पन्न होते मदिरा के कीड़े आदि ३- जरायु से उत्पन्न होते मनुष्य, बैल आदि;४- प्रस्वेद से उत्पन्न हुए जूं आदि ; ५- समूच्छिम जलों आदि, ६- पोतज, हाथी, ७- उद्भेद से उत्पन्न हुआ खंजर आदि और ८- औपपातिक से उत्पन्न होते देव आदि होते हैं। (७ से ६) अथवा-नवधा स्थवराः पंच पंचाक्ष विकलै र्युताः । दशधा विकलेः माद्यैः पंचाक्षैः संज्य संज्ञिभिः ॥१०॥ अथवा इस प्रकार भी नौ भेद होते हैं- पांच स्थावर, एक पंचेन्द्रिय और तीन विकलेन्द्रिय (दोन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चउरिन्द्रय) और इसके दस भेद भी होते हैंतीन विकलेन्द्रिय, पृथ्वीकाय आदि पांच एकेन्द्रिय, संज्ञी पंचेन्द्रिय और असंज्ञी पंचेन्द्रिय होते हैं। (१०) स्थावरैर्विकलैः पंचेन्द्रियैश्च वेदतस्त्रिभिः । एकादश द्वादश स्युः कायैः पर्याप्तकापरैः ॥११॥ तथा जीव के ग्यारह भेद भी होते हैं । वह इस प्रकार- पाच स्थावर, तीन विकलेन्द्रिय और पुरुष, स्त्री तथा नपुंसक- ये तीन पंचेन्द्रिय होते हैं। एवं जीव के बारह भेद भी होते हैं । वह इस तरह- पृथ्वीकाय आदि छः काय, वह छः पर्याप्त भी होते है और अपर्याप्त भी होते है अर्थात ६ + ६ = १२ होते हैं। (११)
SR No.002271
Book TitleLokprakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages634
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy