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________________ (६८) यहां शंका का समाधान करते हैं कि- आत्मा द्वारा ग्रहण किए पुद्गलों का जो देह रूप परिणाम है वह इसका नामकर्म के द्वारा साध्य है और आरंभ किए अंग की समाप्ति इसकी पर्याप्ति द्वारा साधन होती है, इस तरह साध्य भेद के कारण देह नाम कर्म और पर्याप्ति नाम कर्म दोनों भिन्न हैं। इसी तरह से उच्छ्वास लब्धि भी उच्छ्वास नामकर्म से साध्य भी होती है और इस लब्धि का व्यापार उच्छ्वास पर्याप्ति से होता है। इस तरह उच्छ्वास लब्धि यद्यपि 'उच्छ्वास नाम कर्म' से उत्पन्न हुई है फिर भी इसको व्याप्त करने के लिए तो उच्छ्वास पर्याप्ति ही होनी चाहिए, दूसरी नहीं। क्योंकि दृष्टान्त रूप है कि एक सुभट में तीर फैंकने की शक्ति तो है परन्तु वह होने पर भी अपादान शक्ति अर्थात् उस तीर को पहले ही ग्रहण करने की शक्ति होनी चाहिये। वह शक्ति न हो तो उस सुभट का यह कार्य सफल नहीं होता। (२४ से २८) भाषाहँ दलमादाय गीस्त्वं नीत्वावलम्ब्य च । यया शक्त्या त्यजेत्त्प्राणी भाषा पर्याप्तिरित्य सौ ॥२६॥ धातु में से भाषा के योग्य दल लेकर इसके वचन- रूप बदल दे और अवलम्बन लेकर जिस शक्ति द्वारा प्राणी इसे वापिस रखे, वह शक्ति भाषा पर्याप्त कहलाती है। (२६) दल लात्वा मनोयोग्यं तत्तां नीत्वावलम्ब्य च । यया मनन शक्तः स्यान्मनः पर्याप्तिरत्र सा ॥३०॥ जिस आहार में से धातु बना है उससे और मन योग्य दल लेकर इस रूप में रूपान्तर करना, अवलम्बी प्राणी मनन करने की शक्तिमान हो- इस शक्ति का नाम मनः पर्याप्ति है। (३०) नियन्ते येऽप्यपर्याप्ताः पर्याप्तित्रयमादि मम् । पूर्णी कृत्यैव न पुनरन्यथा सम्भवेन्मृतिः ॥३१॥ प्राणी मृत्यु प्राप्त करे तो यह हमेशा छ: पर्याप्ति पूर्ण करके ही मृत्यु प्राप्त करता है - ऐसा तो नहीं कह सकते परन्तु उससे पहले तीन पर्याप्ति तो पूर्ण करनी ही होती है, उसके बाद ही मृत्यु संभव है। (३१) । तथाहि- पर्याप्ति त्रय युक्तोऽन्तर्मुहूर्तेनायुरग्रिमम् । बद्धा ततोऽन्तरर्मुहूत्तमबाधान्तस्य जीवति ॥३२॥ क्योंकि तीन पर्याप्तियां पूर्ण की हों तभी प्राणी अन्तर्मुहूत में आगामी भव का आयुष्य बंधन करता है और अन्तर्मुहूर्त तक अबाधा काल तक जीता है। (३२)
SR No.002271
Book TitleLokprakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages634
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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