SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 25
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - खंड २ संबंध-दर्शन पृष्ठ २७-१२३ | अरिहन्त और हम अध्याय-२ अरिहंत की आवश्यकता : वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में २९-४९ १. हम कैसे चलें ? ईर्यासमिति ईर्या विधान ईविधान की वैज्ञानिकता हमारी आंखें हम कैसे देखते हैं मस्तिष्क के तीन प्रकार चलने का मस्तिष्क के साथ सम्बन्ध चलने का हृदय के साथ सम्बन्ध चलने का रीढ़ की हड्डी के साथ सम्बन्ध २. हम कैसे खायें ? आहार चर्या संतुलित आहार खाने की वृत्ति रस ग्रन्थियां आहार चबाने की विधि हमारी जीभ आहार चर्या और पाचनतन्त्र ३. आवर्त-आवर्तन और परिवर्तन कम प्रयल से अधिक बल प्राप्त करने के उपाय गोलाई और सृष्टि गोलाई और विज्ञान गोलाई और वृत्ति मूलशक्ति केन्द्र से शक्ति का विकास दो आवर्त-उत्तरावर्त और दक्षिणावर्त [२४]
SR No.002263
Book TitleArihant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyaprabhashreji
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1992
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy