________________
अध्याय ५
च्यवन कल्याणक
कल्याणक
च्यवन १. उच्चकुल की प्रधानता २. ज्ञान समन्वित च्यवन ३.. त्रैलोक्य में अपूर्व प्रभाव ४. स्वप्न-दर्शन ५. स्वप्नों के कारण ६. स्वप्नों के फल के काल ७. स्वप्नों के विभिन्न प्रकार एवं स्वरूप ८. तीर्थंकर की माता को चौदह स्वप्न ९. स्वप्न-फल १०. इन्द्रों द्वारा कल्याणक-उत्सव