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(५४)
. ॥ संस्कृतप्राकृतधातुमाला ॥
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संस्कृत
संस्कृत
प्राकृत घज्ज
प्राकृत धिम्हर विर.
पज्ज
दृश
भजू
विर
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गुपू
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घि- लप्
वज्जर वज घडवड घड्ढ घब्भ धमाल वम्फ वम्फ घरहाड वल घल
नि-स
आङ्
घलग्ग
वसुआ
वुक्क
उद्- वा
कृप मला
विरल तन् विरमाल प्रति- ईक्ष विरा वि- लीङ् विरोल . मन्थ विलुम्प का विल्लोट्ट विसंवद विस दंल् विसूर खिद् विहीर प्रति-ईक्ष बिहोड .. तड् धीसर वि- स्मृ बीसाल _ मिश्र
भष् वुश्च . वच् वुञ . व्रजू
मज्ज ब्भ
. वह थोक वि-ज्ञ वोच्छ वच योज . बीज वोत
वच वोल गम् वोसह वि- कस् पोसिर अव-सृजू वेअड खच् वेच्छ विद्
घा
कृ
बावम्फ वास वाह वाहिप्प विअट्ट विउड विक्क विच्छोल विडविड विढप्प विढव विप्पगाल विम्हर
अघ-कास
, गाह व्या-ह
वद्
नश् वि- कृ
कम्पि रच अर्ज "
नश वि- स्मृ
बेष्ट
वेमय
भङ्ग