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________________ ॥ प्राकृतसंस्कृतनाममाला ॥ उत्फुल्ल .. वि० वि० उडभड उम्माल . उम्मि न० पुं०स्त्री० वि.० खीलेलु छकीगयेल शेष पाणीनामोझां स्पर्शकरेलु गरमी सर्प छाती . उन्ह उरअ पु० उद्भट निर्माल्य ऊर्मि उन्मृष्ट • ऊष्मन उरण उरस उलूक आद्र 'उपगूढ उल्लोच उपदेश उपाध्याय • उपरि उपचार उपरक्त उलूअ उल्ल उवऊढ उल्लो उपएस उपज्झाय उपरि उवयार 'उपरत घूषड पु० अ० भीनुं आलिंगित चन्दरवो.. उपदेश उपाध्याय उपर उपचार राहुये प्रह: .ण करेलु पाषाण ओसीकु भोगवेलु भेट . कृष्ण ... वि० उपल' . उवहाण उवायण उविन्द उसण शुक्र उपल उपधान उपभुक्त उपायन उपेन्द्र उशनल उत्सेध वृषभ प्रदीप्त उच्छीर्ष एतावत् अत्र . उस्सेह उसह उसक्षिा ऊसीस पत्तिल पत्थ एमेज न० उचाइ वळद दीपेलु । ओशिक पटलु अहींया एजरीते वि० अ० . अ. . .. एवमेव
SR No.002256
Book TitlePrakrit Rupmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturvijay
PublisherVadilal Bapulal Shah
Publication Year1926
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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