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शब्द पृष्ठ संख्या विवेकख्याति १८२, १८६, १८९, १९०, १९१, १९२,
१९३, १९६ विवेक चूडामणि १९९ विशाखाचार्य ४४ विशुद्धिमार्ग १७४ . विशेषावश्यकभाष्य ९,
५७, ७७, ८२, ८५ विस्तार रूचि ४१, ६७ विसुद्धि भग्ग ४ वीरसेन १५१ वीरसेनाचार्य ११३ वीर्य लब्धि ५१ वेदक सम्यग्दृष्टि १२९,१३० वेदव्यास २२१ वेदान्तदर्शन १९६,
१९८, २०१ वेदान्तसूत्र १९६, १९८,
२०३ वैक्रियलब्धि ५१ वैदिकपरम्परा ८ वैशेषिक ९२, १९२, १९३ व्यापन्नकुदर्शनवर्जना ४९ व्यापन्नदर्शन १४० व्यवहारनय ११०, १११ व्यवहारसूत्र ४३ व्याख्याप्रज्ञप्ति ३१, ५८
जैन दर्शन में सम्यक्त्व का स्वरूप
शब्द पृष्ठ संख्या व्यापाद १७९ शंकराचार्य १९६, १९८, __ १९९, २०३, २११ . शंका २५,५३,५४,७४,१४३ शंकित ६८ शब्दबद्ध १२ शय्यंभवसरि ३२, ३३ श्यामाचार्य ४८ श्री शांतिसूरि ३५ (वादीवैताल) श्रमणधर्म ६,९ श्रमण परम्परा ७ ... श्रमण संप्रदाय ८ श्रमणोपासक २९, ३०, ३२,
७४ ७५ श्रवण भूमिका ३ शांकरभाष्य ७, २०३, २११ शारीरक भाष्य २०३ श्रावकधर्म विधिप्रकरण. १४९ श्रावकप्रज्ञप्ति ८७, १०४ श्रावकाचार १५४ . . शिव राजर्षि ३१ . शिव श्री ८१ शीलांकाचार्य १८ श्रीराम शर्मा १८४ . शुक्ल लेश्या ४० . शुद्ध नय ११४