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________________ आनुषंगिक ग्रन्थ २६७ धर्मविजय मुनि -सम्यग्दर्शन, बडोदरा : मुक्तिकमल जैन मोहनमाला. १९४९. नथमल मुनि (युवाचार्य महाप्रज्ञ ) -आगम शब्द कोश, भाग-१. प्रथमावृत्ति, लाडनू : जैन विश्वभारती, १९८०. -उत्तराध्ययन एक समीक्षात्मक अध्ययन, प्रथमावृत्ति कलकत्ता ३ जैन श्वे. तेरापंथी महासभा, १९६८. पारेख, नगीनदास, क्वेली, ईसुदास -भगवान् ईसु नो शुभ संदेश अने प्रेषितो नो चरितो प्रथम संस्करण, अहमदाबाद : सेंट जेवियर कॉलेज, १९६५. पाल, डायसन -वेदान्त दर्शन, अनु. पाण्डेय, संगमलाल, प्रथमावृत्ति, १९७१. लखनऊ : उत्तर प्रदेश हिंदी ग्रन्य अकादमी । बाहरी, डॉ. हरदेव . -बृहद् अंग्रेजी-हिन्दी कोष, प्रथमावृत्ति, : वाराणसी : ज्ञानमंडल लिमिटेड, १९६०. महेता, नर्मदाशंकर देवशंकर '-हिंद तत्त्वज्ञान नो इतिहास, प्रथम संस्करणं, अहमदाबाद : गुजरात वर्नाक्युलर सोसायटी, १९२५. मालवणिया, पं. दलसुख -आगमयुग का जैन दर्शन, प्रथम संस्करण, आगरा : सन्मति ज्ञानपीठ, १९६६. . -जैन दर्शन का आदिकाल, प्रथमावृत्ति, अहमदाबाद : ला. द. भा. सं. विद्या मंदिर १९८०. मेहता, डॉ. मोहनलाल -जैन दर्शन, प्रथम संस्करण, आगरा : सन्मतिज्ञानपीठ, १९५९ -जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-३, वाराणसी : पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, १९६७.
SR No.002254
Book TitleJain Darshan me Samyaktva ka Swarup
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurekhashreeji
PublisherVichakshan Smruti Prakashan
Publication Year1988
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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