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आगमसार
- देवचन्द्र, १९०८ : राजेन्द्र कार्यालय
आचारदिनकर
- वर्धमानसूर
बम्बई : पांजरापोल लाल बाग, १९२२ ।
जैन दर्शन में सम्यक्त्व का स्वरूप
आचारांग सूत्र
- अनु. सौभाग्यचन्द्रजी म., संपादक बसंतीलाल नलवाया उज्जैन : जैन साहित्य समिति, प्रथमावृत्ति, १९५०
आचारांग चूर्णि - जिनदास गणिवर्य
रतलाम : ऋषभदेव केशरीमल |
आचारांग वृत्ति एवं नियुक्ति
- शीलांकाचार्य एवं भद्रबाहू |
महेसाना : आगमोदय समिति, प्रथमावृत्ति, १९९७ ।
आत्मानुशासनम्
- गुणभद्राचार्य अनु. जैनी जे. एल. ।
आगास : श्रीमद्राजचन्द्र निजाभ्यास मण्डप, प्रथमावृत्ति, १९५८.
आवश्यक सूत्र
- सम्पादक : मुनि कन्हैयालालजी, द्वितीयावृत्ति, १९५८. राजकोट : अ. भा. श्वे. स्था. जैन शास्त्रोद्धार समिति ।
आवश्यक निर्युक्ति दीपिका भाग १-२
- जिनभद्रगणि
भावनगर : गुलाबचन्द लल्लुभाई, १९३९ ।
उपदेशमाला
- क्षमाश्रमण धर्मदास गणि, अनु. पद्मविजय, संपा. नेमिचंद्र दिल्ली : निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन, प्रथमावृत्ति, १९७१.