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________________ काला लावण्ण = लावण्य वर = अच्छा विचित्त = विचित्र संवेयण = संवेदन संग्गहण = संग्रह सच्च = सत्य सच्छ = स्वच्छ सट्ट = शठता समप्पण = समर्पण सम्माण = सम्मान सर = तालाब सासण = शासन धैर्य प्राण तारे नपुंसक लिंग.शब्द : अण्णाण = अज्ञान अभिहाण = नाम आकड्डण = आकर्षण उववण = उपवन कसिण = घय घी जीवण . जीवन धिज्ज तिण तृण (घास) णाण ज्ञान बर्तन पाण रज्ज __ = राज्य . स्त्रीलिंग शब्द : ... आसत्ति = . आसक्ति खमा = क्षमा . तारगा = भत्ति . = भक्ति भासा = . भाषा । रज्जु = . रस्सी अव्यय अणेअ = अनेक अम्मो = आश्चर्य अलं = बस अवस्स अवश्य इस प्रकार एगया = . एक बार कल्ल ___= . कल कहिं = कहाँ किं. केरिसो = कैसा केवल = केवल खिप्पं = पुणो = फिर से लआ = लता लज्जा = लज्जा विज्जा = विद्या सड्डा = श्रद्धा सत्ति = शक्ति सोहा = शोभा . जं . = .जो जहा = जैसे जहिं = जहाँ जाव = जब तक तहा = उस प्रकार से तहिं = वहाँ तारिसो = वैसा तब तक दुट्ट = खराब धुवं = निश्चय तओ = उसके बाद पच्छा = बाद में . पुव्व = पहले क्यों शीघ्र खण्ड १
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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