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पाठ
१५
(क) अकारान्त क्रियाएँ :
भविष्यकाल एकवचन
बहुवचन अहं पासिहिमि = मैं देखूगा। अम्हे पासिहामो = हम देखेंगे। तुमं पासिहिसि = तुम देखोगे। तुम्हे पासिहित्था = तुम सब देखोगे।
सो पासिहिइ = वह देखेगा। ते पासिहिंति = वे देखेंगे। उदाहरण वाक्य
अहं विज्जालयं गच्छिहिमि = मैं विद्यालय जाऊँगा। ... तुमं दव्वं इच्छिहिसि
= तुम धन चाहोगे। सो तत्थ कन्दुअं खेलिहिइ . = वह वहाँ गेंद खेलेगा। अम्हे अवस्स पोत्थअं पढिहामो = हम अवश्य पुस्तक पढ़ेंगे। . तुम्हे पइदिण सत्थं सुणिहित्था _ = तुम लोग प्रतिदिन शास्त्र सुनोगे। ते तत्थ किं भुंजिहिंति
= वे वहाँ क्या खायेंगें?... सा किं कज्जं करिहिइ = वह क्या कार्य करेगी? सो पोत्थअं लिहिहिइ
= वह पुस्तक लिखेगा। ते अज्ज कहं कहिहिति . = वे आज कथा कहेंगे।
अम्हे वागरणं पुच्छिहामो = हम व्याकरण पूछेगे। प्राकृत में अनुवाद करो :
तुम सब नमन करोगे। वह धन ग्रहण करेगा। तुम वहाँ क्या करोगे? मैं आज पुस्तक पढूंगा। हम वहाँ दौड़ेंगे। वह (स्त्री) आज नाचेगी। वे अवश्य सेवा करेंगे। वे (स्त्रियाँ) क्या जानेंगी? वह प्रतिदिन गेंद खेलेगा। वे वहाँ पूजा करेंगे। क्रियाकोश : पड = गिरना
हिंस= हिंसा करना हिण्ड = घूमना
रूस क्रोधित होना । तव = तप करना
धर = पकड़ना मुच्छ = मूर्छित होना मग्ग = मांगना धोव = धोना
मुंच = छोड़ना पविस = प्रवेश करना फल= फलना पलाय = भाग जाना
बोह = समझना फुल्ल = फूलना
भंज = तोड़ना पीस = पीसना
बोल्ल= बोलना पेच्छ = देखना
मन्न = मानना निर्देश : इन क्रियाओं के तीनों पुरुषों और दोनों वचनों में भविष्यकाल के रूप लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग।
प्राकृत स्वयं-शिक्षक