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तीए हिट्ठाए, हिट्ठाए, धिट्ठाए
भणियं तायपसाया, जइ ता सव्वकलाकुसलो, तरुणो
वररूवपुण्णलावण्णो ।
एरिओ होउ वरो, अहवा ताओचिअ पमाणं ॥ ८४ ॥
सेवयजणमणसमीहियत्थाणं ।
जेणं ताय तुमं चिय, पूरणपवणो दीससि,
पच्चक्खो
तो तुट्ठो नरनाहो, दिट्ठिनिवेसेण पभणेइ होउ वच्छे ! एसऽरिदमणो तो सयलसभालोओ, पभणई नरनाह ! एस अइसोहणोऽहिवल्ली - पूगतरूणं अह मयणसुंदरीवि हु, रन्ना नेहेण केरिसओ तुज्झ वरो कीरउं ? मह कहसु अविलंब ॥ ८८ ॥ जिणवयणवियारसारसंजणियनिम्मलविवेआ ।
व
पुच्छिया वच्छे ।
मुक्कलोअलंज्जाए । लब्भइ मग्गियं कहवि ॥ ८३ ॥
कम्म- परिमाणो
कप्परुक्खव्व ॥ ८५ ॥
नायतीइमणा । वरो तुच्झ ॥ ८६ ॥ संजोगो ।
सा पुण
लज्जागुणिक्कसज्जा, अहोही जा न जंपेइ ॥ ८९ ॥
हसिऊणं ।
ताव नस्देिण पुणो पुट्ठा सा भणइ ईसि ताय विवेयसमेओ, मं पुच्छसि तंसि जे कुलबालिआओ, न कहंति हवेउ एस जो करि पिऊहिं दिन्नो, सो चेव अम्मा पिउणोवि निमित्तमित्तमेवेह पायंं ं पुव्वनिबद्धो, सम्बन्ध होइ
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निब्भतं ॥ ८७ ॥
किमजुतं ॥ ९० ॥ मज्झ वरो ।
पमाणियव्वुत्ति ॥ ९१ ॥
वरपयामि ।
जं जेण जया जारिसमुवज्जियं होइ कम्म तं तारसं तया से, संपज्जइ जा कन्ना बहुपुन्ना, दिन्ना कुकुलेवि सा हवइ जा होइ हीणपुन्ना, सुकुले दिन्नावि सा ता ताय ! नायतत्तस्स तुज्झ नो जुज्जए इमो जं मज्झ कयपसायापसायओ सुदुहे
जीवाणं ॥ ९२ ॥
सुहमसुहं । दोरियनिबद्धं ॥९३ ॥
सुहिया ।
दुहिया ॥ ९४ ॥
गव्वो ।
लोए ॥ ९५ ॥
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