________________
प्रधान सम्पादक :
साहित्यवाचस्पति म. विनयसागर
प्राकृत स्वयं-शिक्षक
खण्ड १
प्राकृत भारती पुष्प-३
प्रोफेसर प्रेम सुमन जैन . आचार्य, जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग
अधिष्ठाता, कला महाविद्यालय सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर
ना
प्राकृत भारती अकादमी
जयपुर