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________________ उदाहरण वाक्य : बहुवचन (पु.) केसु बालएसु सच्चं अस्थि = किन बालकों में सत्य है ? इमेस पुरिसेस सटुं णत्थि = इन आदमियों में शठता नहीं है। तेसु छत्तेसु विनयं अत्थि = उन छात्रों में विनय है। सीसेसु णाणं अस्थि शिष्यों में ज्ञान है। इमेसु णरेसु सत्ती अस्थि = इन मनुष्यों में शक्ति है। सुधीस सया बुद्धी वसइ = विद्वानों में सदा बुद्धि रहती है। तेसु कवीसु संवेयणं अत्थि = उन कवियों में संवेदन है। कुलवईसु संजमो अत्थि = कुलपतियों में संयम है। तेस सिसूस अण्णाणं अत्थि = उन बच्चों में अज्ञान है। . प्राकृत में अनुवाद करो : - बालकों में विनय है। उन छात्रों में सत्य है। किन मनुष्यों में जीवन है? उन आदमियों में अवगुण हैं। कवियों में सदा बुद्धि नहीं रहती है। कुलपतियों में हमारी श्रद्धा है। उन विद्वानों में क्षमा है। किन साधुओं में तुम सबकी भक्ति है। उन बच्चों में प्राण शब्दकोश (पु.) . तिल = ... बंभयारि = ब्रह्मचारी . गब्भ = . आहार = भोजन बंसअ = उदहि = समुद्र ऊँट भाणु ' = . सूर्य जर = बुखार सव्वण्णु = सर्वज्ञ काय = मठ = मठ पोक्खर = कोस = खजाना अंक = पासाय = महल . प्राकृत में अनुवाद करो : तिलों में तेल है। गर्भ में प्राणी है। बाँसुरी में छेद है। माँ की गोद में बच्चा है। ब्रह्मचारी में शक्ति है। नदियों का पानी समुद्र में एकत्र होता है। सूर्य में अग्नि होती है। सर्वज्ञ में ज्ञान है। महल में राजा रहता है। ऊँट पर योद्धा बैठता है। निर्देश : इन्हीं वाक्यों का बहुवचन (सप्तमी) में प्राकृत में अनुवाद करो। शरीर तालाब गोद खण्ड १
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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