SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ · हिन्दी प्रेमाख्यानकों का ऐतिहासिक विकास : ४७ ब्रजेश्वर वर्मा ने इस कृति के विषय में लिखा है : 'रूपमंजरी' एक छोटा सा कथा-काव्य है, जिसमें एक सुन्दर स्त्री के सौन्दर्य तथा लौकिक प्रेम को छोड़कर कृष्ण के प्रति उसके 'जारभाव' के प्रेम तथा उसकी एक सखी इन्दुमती के साथ उसके सम्बन्ध का वर्णन है । काव्य की नायिका रूपमंजरी स्वयं नन्ददास की मित्र रूपमंजरी है और सखी स्वयं नन्ददास हैं। यद्यपि रूपमंजरी का कथानक लौकिक शृंगार से सम्बद्ध है किन्तु उसमें नन्ददास ने अपने आध्यात्मिक भावों तथा प्रेमलक्षणा-भक्ति के अन्तर्गत परकीया प्रेम के आदर्श को स्पष्ट किया है। काव्यकला की दृष्टि से यह रचना उत्कृष्ट है। बेलि कृष्ण-रुक्मिणी री-इसकी रचना सं० १६३७ में पृथ्वीराज राठौर ने की। इसकी मूलकथा का आधार भागवत है, जिसका उल्लेख लेखक ने स्वयं किया है : . . वल्ली तसु बीज भागवत वामो महि थाणो पृथुदास मुख । मूल ताल जल अरथ मण्डहे सुथिर करणि चढ़ि छाँह सुख ॥२९१॥ भागवत को कथा और वेलि की कथा में अन्तर है। कारण कि भागवत को . कथा पूर्ण भक्तिपरक है और यह कथा प्रेमकथा है। इसमें षड्ऋतु-वर्णन और रुक्मिणी के सौन्दर्य के वर्णन अंश बड़े ही रोचक हैं। इस कृति को मुख्य विशेषता यह है कि रचयिता ने ग्रन्थ-रचना तथा अपने सम्बन्धों का खुलकर परिचय दिया है। भाषा के विषय में भी कवि कहता है कि उसकी लेखनी और वाणी भाषा में, संस्कृत और प्राकृत सभी में एक समान चलती है। आगे कहता है कि ज्योतिषी, वैद्य, पौराणिक, योगी, संगीतज्ञ, ताकिक, चारण-भाट तथा भाषा में विचित्र रचना करनेवाले.सुकवि जब. एकत्रित होंगे तब इसके पूरे अर्थ तक पहुँच १. नंददास, रूपमंजरी, ब्रजेश्वर वर्मा-हिन्दी-साहित्यकोश, भाग २, पृ० २२६ २. पृथ्वीराज राठौर, सं०-श्री कृष्णशंकर शुक्ल, साहित्य निकेतन, कानपुर से प्रकाशित. ३. वेलि कृसन रुक्मिणी री, श्री कृष्णशंकर शुक्ल द्वारा संपादित, साहित्य निकेतन, कानपुर, पृ० ११३. ४. वही, पृ० ११४.
SR No.002250
Book TitleApbhramsa Kathakavya evam Hindi Premakhyanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremchand Jain
PublisherSohanlal Jain Dharm Pracharak Samiti
Publication Year1973
Total Pages382
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy