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सहायक ग्रंथ-सूची : ३५१ राजस्थानी भाषा और साहित्य : मोतीलाल मेनारिया. रूपमंजरी : नंददास, संपा०-व्रजेश्वर वर्मा. लखमसेन-पदमावतीकथा : संपा०-नर्मदेश्वर चतुर्वेदी, परिमल प्रकाशन,
प्रयाग, १९५९. लोकसाहित्य की भूमिका : सत्यव्रत अवस्थी. वोरकाव्य : डा० उदयनारायण तिवारी. शैली : पं० करुणापति त्रिपाठी. शैली और कौशल : पं० सीताराम चतुर्वेदी. संस्कृत साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास : डा सत्यनारायण पाण्डेय. संस्कृत साहित्य का इतिहास : श्री ए० वी० कीथ [ हिन्दी अनुवाद ]. साहित्य का मर्म : डा० हजारीप्रसाद द्विवेदी. सूफीमत-साधना और साहित्य : डा० रामपूजन तिवारी. सूरपूर्व ब्रजभाषा और उसका साहित्य : डा० शिवप्रसाद सिंह, हिन्दी
प्रचारक, वाराणसी. हरिभद्र के प्राकृत साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन : डा० नेमि
चन्द्र, शास्त्री. हर्षचरित-एक सांस्कृतिक अध्ययन : डा० वासुदेवशरण अग्रवाल. हिन्दी काव्यधारा : राहुल सांकृत्यायन, १९५४. हिन्दी काव्य में प्रतीकवाद का विकास : डा. वीरेन्द्र सिंह. हिन्दी काव्यरूपों का अध्ययन : डा० रामबाबू शर्मा. हिन्दी काव्यशास्त्र का इतिहास : डा० भगीरथ मिश्र. हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योगदान : डा० नामवर सिंह. हिन्दी नाटक-उद्भव और विकास : डा० दशरथ ओझा. हिन्दी महाकाव्यों का स्वरूप और विकास : डा० शम्भूनाथ सिंह. हिन्दी साहित्य : डा० हजारीप्रसाद द्विवेदी, वि० सं० २००९. हिन्दी साहित्य का अतीत : आचार्य विश्वनाथप्रसाद मिश्र. हिन्दी साहित्य का आदिकाल : डा० हजारीप्रसाद द्विवेदी. हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास : डा० रामकुमार वर्मा. हिन्दी साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल. हिन्दी सूफी कवि और काव्य : डा० सरला शुक्ल, वि० सं० २०१३.