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________________ सइ-सजुआण] शब्दसूची । ४११ . सइ (सदा) १. १०,४०, ४९,२. संमुह (संमुख) ५. ९४. ____८१; ७. ८६. संरम्भ (SK) १. २१, ५. ७०; सइन्न (सैन्य) २. ४. ६. ९२.. सईस (शचीश) २. २१. संविल्लिअअ s वेष्. सउह (सौध) ५. ८७. संसअ (संशय)६.४०, संसय १.१. संकर (शंकर) ४. ५६. संसार (SR) ७. ३९, ६७, ७९; संख (शङ्ख) १. १६. ८.६७, ७८. संगीय (संगीत) २. ६६. सकलंक (सकलङ्क) १. १६. संजम (संयम) २. ५९; ७. २२, सकिसर (सकेसर) २. १. ४५, ४९; ८ ३४, ३६, ४०, । सकुप्पास (सकूर्पास) १. ५०. ४२, ४३, ६२, ६५. सक (शक) १. ४५. संझ (संध्या) ३. ५०. . सक्कय (संस्कृत) २. ७४. संझा ,, १. १२; ३. ४३; सग (शक) ४. ६१. ५. ८७, ८८, १०५. सग्ग (स्वर्ग) १. ६३, ६.३९,९४, संठ (शठ) १. १८. १०४; ७. ६,९६,९९, ८.७०. संताव (संताप) ५. ९४. सङ्का (शङ्का) ३. ७४; ६. ५,५६. संतोस (संतोष) ८.५९. सङ्खधर (शङ्खधर) १. १६. संदाण ? (अवष्टम्भे कृ) . सङ्खा (संख्या) ६. ७५, संदाणन्त (अवष्टम्भं कुर्वत्)६.४२. सङ्खड्डण (संक्रीडन) ७. १३. संधाण (संधान) २. ७. १ सङ्ग (श्रृङ्ग-उत्कर्ष) १. ८२. ... संधिविग्गहिअ (सांधिविग्रहिक) | २ सङ्ग (SK) ७. ६, १२, २३, ८. ६.४०.. . संपआ (संपत्) ६. ७१. सङ्घ P (कथ्) ..१ संपइ .,, ८. ४८. ___ सङ्घसु (कथय) ६. २. . २ संपइ (संप्रति) ५. १००, १०५. सचमर (SK) २. २२. ___ संपय (संपत्) ८. ४८, ६२. सञ्च (सत्य) १. ६३, ६. ४८; ७. संपयं (सांप्रतम् ) ५. २२. __ २२; ८. २८, ३३, ४४. संपया (संपत्) १. ८. सच्चवण (दर्शन) ७. २४. संपुडय (संपुट) ६. ३६. सच्छण (सक्षण) २. ९.. संभाव P (लुभ) सच्छन्दग (स्वच्छन्दग)५.१०१. ___ संभावसि (लुभ्यसि) ६. १०४. सच्छाअ (शोभनकान्ति) २. ६२. संमडु (संमर्द) ३. १०. सजुआण (सयुवन्) ४. ६६.
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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