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________________ ३७२ कुमारपालचरिते पलोट-पहु पलोड P (परि-अस्) पवेस (प्रवेश) ६. ९२. +परि. पलोट्टेइ(पर्यस्यति)७.४३. पव्व (पर्व) १. १४. .पलोह (पर्यस्त) ४. २६. |१/पव्वाल P (छादय) -पलोडिअ ,, २. ६४; पन्वालिअ (छादित) ६. १४. . ४. ३१. २पव्वाल P (प्लावय) -पलुटिअ , ४. ७५. पव्वालिअ (प्लावित) ६. २९.... पल्लट्ट P (परि-अस् ) पसंसा (प्रशंसा) ७. ९९. . पसत्थ (प्रशस्त) ३.४२, ८.४२... पल्लष्टिअ (पर्यस्त) ७. ४४. पसम (प्रशम) ७. ५,६, ७, ६८, पल्लत्थ s अस्. ९१; ८. ३२, ४९,७६. .. पल्लल (पल्वल) ५. २३, २९,३१, पसमणी (प्रशमनी) ६. ७. .. पसर (प्रसर) १. ३१, ३८, ४९, पल्लव (SK) ३. ४, ४८, ५.३७. ७१, ५. ५४; ६. १४, १५, १/पल्हत्थ P (परि-अस्) ५७, ६९; ८. २२. . पल्हत्थिअ (पर्यस्त) ७. ४४. पसव (प्रसव) ५. ४२. २ पल्हत्थ P (वि-रिच्) पसविर (प्रसवितृ) ७. ६५. पल्हत्थाविअ (विरोचित) ६.१७. पसाअ (प्रसाद) ७. ७४. पसाय . पल्हाय (प्रह्लाद) ३. ३१. ६. ४६, ७. १०१. पव (प्लव) ३. ५२. पसु (पशु) ८. ८०. पवङ्ग (प्लवङ्ग) २. ८९. . पसूण (प्रसून) ३. ३०; ५. ४०. पव? (प्रकोष्ठ) २. ६. पह (पथिन्) १. ५७,६६;३.७८. पवण (पवन) १. ३३, ३. ५; | पहल्लिर (घूर्णयितृ) ६. ८०. ५. १८, २०, ५४;६. ९, ७. पहव-प्पहु (प्रभवप्रभु) ७. ४१. ५७, ७४, ८. २२, २३, ६७. पहा (प्रभा) २. ४९; ५. १०६; पवयण (प्रवचन) ७.४९,८०,८२. ६.१४, १५, १९. °प्पहा २. पवह (प्रवाह) १. ६४. °प्पवह ४. ३०; ६.२९. ३४. पहाण (प्रधान) ८. ४४. पवाँण (प्रमाण) ८. ५०. पहिअ (पान्थ) ३. १७, ३९, ४३, पवाह (प्रवाह) ४. ३६. . ६८, ७८; ४. २, ८, २२, ५. पवि (GK) २. १९. ४, ५, ५०, ६१, ८४. पवित्त (पवित्र) ८. ५८. पहु (प्रभु) २. ५९; ४. ४०, ६१ पविरञ्ज P (भङ्ग्) ५. ८५, ६. ४४, ६१, ६५, पविरजिअ (भग्न) ६. ७०. ६८, ७२, ८५, १००, १०५..
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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