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________________ ३२२ कुमारपालचरिते [ औज्झर-कडिल्लय ओझर (निर्झर) १. ६४. कइरविणी (कैरविणी) ६. ३. ओज्झाय (उपाध्याय) ७. ६५. कइलास-सअ (कैलासशय)२.१ ओट्ट (ओष्ठ) ४. २०. कइवाह (कतिपय) २. ६२, ओमाल (निर्माल्य) १. २९. कइसअ (कीहक्) ८. ५१. | ओम्बाल P (छादय् ) कउ (कुतः) ८. ६१. . ___ ओम्बालिअ (छादित) ६. १४. कउच्छेअय (कोक्षेयक) २. १०. ओम्वाल P (प्लवय्) कउसल (कौशल) २. १०. ओम्वालिअ (प्लावित) ६. २८. कउह (ककुद) २. ५०... | ओरस P (अव-तृ) कउहा (ककुम्) १. ११. ओरसिअ (अवतीर्ण) ६. ५२. कए (कृते) ५. ३०, ३४, ६.७८. कंटइल (कण्टकवान् ) १..१२, ओली (आलि पङ्क्ति) १. ५५; ३. ३३. ५. ६०. कंत (कान्त) १. १९. . . ओलुण्डिर (विरेचनशील) ६.१६. कङ्किलि (कङ्केल्लि) ३. १७. कङ्केल्लि (SK) ३. ४. ओल्ड (आई) १. ५५. ८. ४. कच्छ (कक्षा) ३. ३८. ओवण (उपवन) ३. ९०. कच्छ (SK) ५. ६३, ७०. ओसढिअ (औषधिक) २. ५०: कज (कार्य)५. ३८, ६, ४७,६१, ओसह (ओषध) २. ५०. ८८, ९५, ७. ८५, ९५. Jओसुक्क P (तिज्). कजल (SR) ३. ५५, ४. ४९; __ ओसुकन्त (तेजमान) ६.६६. ओह (ओघ) १. ६३, ४. ३३; ६. कञ्चण-केअई(काञ्चनकेतकी)४.४. कञ्चणार (काञ्चनार) ४. ३. ओहल (उलूखल) २. १६. कश्चि (काञ्ची) ६. ७२. ओहाम P (तोलय) कञ्चइआ (कञ्चकिता) ४. ७३. ओहामन्त (तोलयत्) ६. १६. कद Jओहाव P (आ-क्रम् ) ___ ओहाविअ (आक्रान्त) ७. १. +प्र. पयडिअ (प्रकटित) ३. ६. -पायडिअ , ४. २९. Jओहीर P (नि-द्रा) १ कट्ट (कष्ट) ४. १५. ओहीरन्त (निद्रात् ) ६. ९. २ कट्ट (काष्ठ) ४. ५१. कट्टमहु (काष्ठमधु) ३. ४०. कइअव (कतिपय) २. ६२. कडण (कदन) २. ४६. कइम (कतमत्) १. ३६. कडि (कटि) ३. २५. कइया s किम्. कडिल्लय (कट्य) ४. ५२. क
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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