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________________ ३२० कुमारपालचरिते उविन्द (उपेन्द्र) ६. २३; ७. ९८. उव्वीस (उर्वीश) ६. ३३. उव्वेढण ( उद्वेष्टन) ७. ५९. उव्वेय-करी (उद्वेगकरी) ३. ३५. उव्वे (उद्वेणु) २. ३८. उव्वेल्लिजइ s. वेष्ट. उब्वेल्लिर (सत्वरगमनशील ) ६. ४८. उव्वेव (उद्वेग) ७.६१. उव्वेसर ( उब्वेश्वर=राजविशेष ) ६. ७५. १ उसह (वृषभ) १. ८४.२ २ सह (ऋषभ ) १. ८९. १ / उस्लिक्क P. (उद्-क्षिप् ) उसिक्कन्ति (उत्क्षिपन्ति ) ६. ९९. २ / उस्सिक्क P. (मुच्) उस्सिक्किअ (मुक्त) ६. ५६. उहय (उभय ) २.६. ऊ ऊ (गर्हायाम् ) ४. १२; (आक्षेपे ) ४. १२; (सूचने) ४. १२; (विस्मये) ४. १३. ऊरु (SK.) १. ७७; ३. २५. ऊस- मालि (उस्रमालिन् ) १.३२. ~ ऊसल P. (उद्-लस्) ऊसलइ (उल्लसति) ५. १६. ऊसलिअ (उल्लसित) ७. ४५. ऊसव (उत्सव) ३. १, १९. ऊसारि (आसारिन्) १.५२. ऊसुअ (उत्सुक ) १. ७०; ३. २. ऊसुम्भ P. (उद्- लस् ) ऊसुम्भिअ (उल्लसित) ७.४५. ऋ अप्पिअ (अर्पित) १. ४४; ६. २७. √ऋ ओप्पिअ (अर्पित) ९.४३. ए एअ (एव) ५. ८६, ९१. एउ (एवम्) ८. १४. एकइआ (एकदा) ३.८६. एकल (एक) ३. ८७. एक "" २६. एकमेक ( एकैक) ४. २२. एक्कसरिअं (झगिति संप्रति वा ) ४.१९ एक्कासि (एकत्र ) ३. ८५. एक्कसिअं (एकदा) ३.८६. एक्कारअ (अयस्कार) २.१२. एक्केक्क (एकैक) ४. २२. एग (एक) १. ११; ३. ७७; एतद् ६. २८; ७. ९७. गागार (एकाकार) ४. ६२. एहि (इदानीम् ) १.५१; ३.६७; ५. १०२; ६. १. इण्हि १.५३ ; ४. ६.४ ५. ८९, ९६; ६. ७१, ७२. [ उविन्द एतद् सो इणम् (एषः) ५. १६. एस ३. ८७; .७. ३४; ८ः " १. ६०; २. १०, १७, २६, २८. ३०; ४. २२, ६९; ५. ७१, १०१. २. ३१; ४. १२, १४, १५, १८, १९, २२; ५. १७. 35 ८. २८. "" इमो (एषा) ५. १६. एसा 55 ४. ३३; ५. १७, ७२, ७३. १००.
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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