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________________ ३०८ कुमारपालचरिते . [अलक्ख-अवसें अलक्ख (अलक्ष्य) २. ५. अवक्ख P. (दृश्) अलचपुर (अचलपुर) ३. ६०. अवक्खन्त (पश्यत्) ७. २५. अलसि (अतसी) २. ४१. अवगम (SK) २. ६९. अलाउ° (अलाबू) १. ४६. अवचअ (अवचय) ५. ३०. अलाहि (निवारणे) ४. ८. अवचय (SK) ३. ४९. अलि (SK) २. २९, ३. २, ५, अवज (अवद्य) ३. २. ३१, ३८, ४१, ४५,५५, ५९, अवजस P. (गम्) . ६८; ४. २२; ५. ७,५२,६०, ___ अवज्जसन्त (गच्छत्).७. ७. ७४, ७६; ६. ८, ३८. अवश्चिअ (अवञ्चित) ६. ५८. अलिअ (अलीक) ३.७५;५. ९३; अवड (अवट) २. ८१.. .. ८.७१. अवणि (अवनि) २. ८५, ७.९८. अलिणी (अलिनी) ३. ९०. अवतंसिअ (अवतंसित) २. ७. अलीवहू (अलिवधू ) ५. ४९. अवस्था (अवस्था) २. ३१. अल्ल (आर्द्र) १. ५५. अवमग्ग (अपमार्ग) ७. ४०. अल्लत्थ P. (उद्-क्षिप् ) . अवमच्च (अपमृत्यु) १. ८२. 'अल्लत्थिअ (उत्क्षिप्त) ६. ९९.. अवयंस (अवतंस) १. ३, ४, अल्लिअ P. (उप-सृप् ) अवयंच्छ P. (दृश्) . आल्लिअन्त (उपसर्पत् ) ६. ९४. ! अवयच्छन्त (पश्यत्) ७. २५. अल्लिव P. ( अर्पय्) -अवयज्झम अल्लिविअ (आर्पित) ६. २७. - अवयज्झिऊण (दृष्टा) ७. २६.. अल्ली P.(आ-ली). अवयार (अपकार) २. १८. अल्लीण (आलीन) ६. ३५. १ अवयास P. (श्लिष्) अव् अवयासिअ (श्लिष्ट) ७. ३५. - अव (रक्ष) ७. ९४. । २ अवयास (अवकाश) २. १८. +आ. आवउ (आगच्छतु)८.२६ : अवर (अपर) २. ५, ६३, ८.७० अवअक्ख P. (दृश्) अवरण्ह (अपराह्न) ३. ३१. ., अवअक्खइ (पश्यति) ७. २६. : अवरि (उपरि) १. १३, ६८. अवअच्छ P. (ह्राद्) अवरिल्ल (उत्तरीय) ३. ८८. __अवअच्छि अ (ह्लादित) ६. ८२. अवरुप्पर (परस्पर) ८. ५५. अवआस P. (दृश्) °अवॅल (कमल) ८. ४७. - अवआसइ (पश्यति) ७. २६. अवस (अवश्य) ८. ७१. अवंचणिज (अवञ्चनीय) १. १७. अवसद्द (अपशब्द) २. १८. अवंछणिज (अवाञ्छनीय)१.१७. अवसे (अवश्य) ८. ७१. Hinlan
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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