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________________ कुमारपालचरिते [अन्न-अभिसरण ' अन्न (अन्य) १. २४, २६, ६६; अपुसण (अमार्जन) ६. ६८. २. ४९; ३. ७१, ७४, ८६, | अप्पणअ (आत्मीय) ८. ६७. .. ८८ ४. ११, १४, ५३, ५५, अप्पणय (आत्मीय) ३. ७८. ..:५८, ६५, ६८, ७०, ७१; ६. अप्पणा (आत्मीय) ८. ४५. . ..२, ४७, ७. २५, ६८, ७०, | अप्पणो (स्वयम् ) ४. १७. ७२, ९९; ८. २५. अप्पाह P. (सम्-दिश्) . अन्नत्तो (अन्यतः) ३. ८५. ___ अप्पाहामो (संदिशामः)७. २३. अन्नत्थ (अन्यत्र) १. ४४; ३.८५ अप्पुल्ल (आत्मीय)३. ८६. .. अन्नदो (अन्यतः) ३. ८५. अफरुस (अपरुष) २. ५३. अन्नन्न (अन्योन्य) २. ६. अफिट्ट (अभ्रष्ट) ७. २०. ... अन्नह (अन्यथा) ८. ६.. आफिडिअ ,, ७.२१. अन्नहि (अन्यत्र) ३. ८५. अफुडिअ (अखण्डित) ७. ६३.. अन्नाण (अज्ञान) ३. ३७. अफुसिअ (अभ्रमित).७. ४. अन्नोन (अन्योन्य) २. ६; ४.५०. अबाहिर (अबहिस्) ३. ७२... ५. ४५, ८१. अबीहिर (अभीत) ६. ३५. अपडायाणिय(अपर्याणित)२.६३ अब्भसि (अभ्रंशिन्) ७. २१. अपडिअ (अपतित) ७. ५७. अब्भास (अभ्यास) २. ११. अपम्मुक्क (अप्रमुक्त) ३. ४५.. अभिड P. (सम्-गम् ) अपयल्लिर(अशैथिल्यकृत् अलम्बन- | अभिडइ (संगच्छते) ७. ११. - कृत् वा) ६. ४३. अपरिमुत्त (अपरिमुक्त) २. ८२. 1 अब्भुत्त,P. (प्र-दीप्) । अपरिहव (अपरिभव) ६. ४०. __अब्भुत्तए (प्रदीप्यते) ६. १०३. अपलित्त (अप्रदीप्त)२. ४८. | २ अब्भुत्त P. (ना) अपलोट्टिअ (अप्रत्यागत) ७.१२. ___ अब्भुत्तन्त (स्नात्) ६. १०. अपल्लट्ट (अपर्यस्त) ३. १५. अभअ (अभय अभयकुमारमुनि) अपव्व (अपर्वन् ) १. १४. ७. ३८. अपव्वाइअ (अम्लान) ६. १२. अभञ्जिअ (अभग्न) ६. ७०. अपस्खलिद (अप्रस्खलित) ८. १. | अभत्त (अभक्त) ६. १०६. अपिज (अपेय) २. ६०. अभमिअ (अभ्रान्त) ७. ५. अपिहं (अपृथक्) २. ३२. अभय (SK) १. ४५. अपुणभव (अपुनर्भव) २. ६५. । अभिपल्लाणिअ (अभिपर्याणित) अपुरव (अपूर्व) ४. ५५; ७.९६. ३.२५ अपुत्र (अपूर्व) ३. ६७; ७. ९७. | अभिसरण (sx) ५. १०२.
SR No.002235
Book TitleKumarpal Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankar Pandurang Pandit
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1936
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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