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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
पश्चिम दिशा के द्वारपाल
त्रिशूलं डमरुं चैव खट्वाङ्गं च कपालकम्। कपालं 'डमरुं दण्डं बीजपुरं तथा दधत् ॥ १६५ ॥
दुर्मुख: पश्चिमे वामे पाण्डुरो दक्षिणे तथा। ' त्रिशूल, डमरु, खट्वाङ्ग और कपाल को धारण करने वाला दुर्मुख नाम का द्वारपाल पश्चिम दिशा की बाँयी ओर रखना। कपाल, डमरु, दंड और बीजोरा को धारण करने वाला पांडुर नाम का द्वारपाल दाहिनी ओर रखना।
Possesing a trident, the damroo drum, a Khatvanga club and a skull, in one case, and a skull, damroo, the danda rod of justice and a citron in the other (165), stand Durmukha and Pandur respectively. They are the guardians of the western doorway. :, Durmukha's place is to the left of the door and Pandur's to the right. (166a). उत्तर दिशा का प्रतीहार
मातुलिङ्गं मृणालं च खट्वाङ्गं पद्मदण्डकम् ॥ १६६ ॥ सितश्चैवोत्तरे द्वारे वामे चैव व्यवस्थितः । पद्मदण्डं च खट्वाङ्गं मृणालं बीजपूरकम्। . असितो दक्षिणे भागे उत्तरे द्वार एव च ॥ १६७ ॥
बीजोरा, कमलदंड, खट्वाङ्ग और पद्मदंड को धारण करने वाला सित नाम का द्वारपाल उत्तर दिशा में बाँयी ओर रखना। पद्मदंड, खट्वाङ्ग, कमलदंड और बीजोरा को धारण करने वाला असित नाम का द्वारपाल उत्तर दिशा की दाहिनी ओर रखना।
___Holding a citron, a lotus-stalk, a Khatvanga and a Padma-danda (166b), is Sit, who stands to the left of the northern
1-1. मु. डमरुं च तथा दण्डं बीजपूरं तथैव हि । 2-3. मुं. द्वारे पश्चिमके कार्यः पाण्डुरो वामदक्षिणे।