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... देवतामूर्ति-प्रकरणम् एक ही आसन पर बैठे हुए और एक ही शरीर धारण करने वाले सूर्य, विष्णु, शिव और ब्रह्मा की मूर्ति चार मुख और आठ भुजा वाली बनाना। सन्मुख कमल धारण करने वाला सूर्य, दाहिना शिवमुख खट्वाङ्ग और त्रिशूल धारण करने वाला, पश्चिम में ब्रह्मामुख कमण्डलु और अक्षमाला, बाँयी ओर विष्णुमुख शङ्ख और चक्र को धारण करने वाला बनाना ।
Suryahariharapitamah
The idol of Surya, Hari, Hara and Pitamah together, known as Suryahariharapitamah, has four faces and eight arms and is combined within a single body, with a common asana (seat or pedestal). The Sun, Divakara, is in front (facing the devotec) holding lotuses in both hands. (45). .
To the right is the auspicious face of Rudra (Siva), holding a khatvanga club and a trident, while beyond Siva (on the far side, or parasth, of Surya) is the Pitamah, Brahma. The Pitamah holds a kamandalu vessel and an akshamala string of prayer-beads. (46).
To the left (of Surya) is the 'visage of Vishnu (Hari). He possesses a conchshell and a chakra' dise in his hands. An idol of Surya-Hari-Hara-Pitamah fabricated in the manner described here will grant worshippers wish-fulfillment and success in all tasks undertaken. (47).
चन्द्रांकपितामह
षड्भुजं च चतुर्वक्त्रं सर्वाभरणभूषितम्। कमण्डलुश्चाक्षसूत्र - मुभयो: कमलधृत्करम् ॥ ४८ ॥ मृणालोचे युग्महस्ते कर्तव्ये शुभलक्षणे।
सर्वाभरणसंयुक्तं सर्वकामफलप्रदम् ॥४९॥ 1. मु. विधेय ( ?) ।