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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
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In the right hands of Ardhnarislivar are a trident and a string of prayer-beads. The left hands hold a kamandalu and a mirror. Ganesh is to the left too. (30).
उमामहेश्वर
उमामहेश्वरं वक्ष्ये उमया सह शङ्करम्। मातुलुङ्गं त्रिशूलं च बिभ्रतं दक्षिणे करे ॥ ३१ ॥ 'आलिङ्गितो वामहस्तो नागेंद्रो द्वितीये करे। हरस्कन्धे उमाहस्तो दर्पणं द्वितीये करे ॥ ३२ ॥ अधस्ताद् वृषभं कुर्यात् कुमारं च गणेश्वरम् ॥ भृङ्गिरीटं तथा कुर्यान्नियमान्नृत्यसंस्थितम् ॥ ३३ ॥
उमामहेश्वर का स्वरूप कहता हूँ - पार्वती के साथ शङ्कर की मूर्ति बनाना। महेश्वर चार भुजा वाला है, उसके दाहिनी दो भुजाओं में बीजोरा और त्रिशूल है। बाँया एक हाथ आलिङ्गन युक्त और दूसरा बाँया हाथ सांप युक्त है। पार्वती देवी का दाहिना हाथ शङ्कर के कंधे पर रखा हुआ और बाँये हाथ में दर्पण धारण किया हुआ बनाना.। नीचे के भाग में नंदी बनाना। उसके एक तरफ कुमार देव और दूसरी तरफ गणेश करना, तथा नाच करता हुआ ,गिरीट नाम का अनुचर बनाना।
Uma-Maheshvar
I now describe Uma-Maheshvar-the statue of Uma with Shankar. A citron and a trident grace the right hands of Maheshvar. (31); whilc one left hand embraces the goddess and the other possesses Nagendra, the king of snakes. Uma has one hand on the shoulder of Hara (Maheshvar) and holds a mirror in the other hand. (32).
Below thesc iwo deities place the bull Nandi, flanked by the gods Kumar and Ganesh. Make a dancing 'Bhringireet' (one
1-1. मु. पद्य नहीं है।