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देवतामूर्ति-प्रकरणम् चित्रवस्त्रधरं देवं चित्रयज्ञोपवीतिनम् । चित्ररूपं महेशानं चित्रैश्वर्यसमन्वितम् ॥ २१ ॥ चतुर्बाहुं चैकवक्त्रं सर्वालङ्कारभूषितम् । खड्गं चापं शरं खेटं शशाङ्ककृतशेखरम् ॥ २२ ॥ .
श्रीकंठ देव विचित्र वस्त्र वाला, विचित्र जनेऊ धारण करने वाला, विचित्र रूप वाला, विचित्र ऐश्वर्य वाला, चार भुजा और एक मुख वाला, तथा सब अलङ्कारों से विभूषित है। हाथों में खड्ग, धनुः, बाण और ढाल को धारण करने वाला, तथा जटा मुकुट में चन्द्रमा को धारण करने वाला है। ....
Shreekantth
Wearing clothes of wonderous variegated colours and a similar (ie multicoloured) yagnppaveetinam, the Lord with the wonderful form, Maha Ishan; has extraordinary sovereignty. (21).
He has four arms and one face, and is adorned with all kinds of ornaments and jewels. He holds a sword, a bow, an arrow and a shield in his hands and wears the moon in his hair.(22).
महादेव
त्रिलोचनं चतुर्बाहुं शुक्लनेत्रं करद्वयम्। दक्षे पाणौ च सम्पूर्णं चामृतं च रसं पिबेत् ॥ २३ ॥ अक्षसूत्रं तथा वामे महादेवमुमार्चितम्। रुद्रमेकादशं प्रोक्तं महदैश्वर्यकारकम् ॥ २४ ॥
महादेव तीन लोचन, चार भुजा, सफेद नेत्र और दो हाथ वाला है। वह दाहिने हाथ से सम्पूर्ण अमृत रस का पान करता हुआ और बायें हाथ में अक्षमाला को धारण करने वाला, और उमादेवी से पूजित बड़े ऐश्वर्य वाला है। इस प्रकार
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मु. चित्रचन्द्रधरं (सूत्रं ? चित्र) । मु. खड्गचापशिरः।