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देवतामूर्ति-प्रकरणम् जटा में चन्द्रमा धारण करने वाला, व्याघ्र के चर्म को पहनने वाला, भद्र प्रकृति वाला, सर्पराज के आसन से विभूषित है। वह दाहिनी भुजाओं में त्रिशूल और अक्षसूत्र तथा बाँयी भुजाओं में कपाल और कमण्डलु को धारण करने वाला और दाहिनी दो भुजा योगमुद्रा वाली हैं।
Mrityunjaya -
___ Mrityunjaya wears a garland of skulls. He is white in colour, and the topknot of his matted hair is crowned by the moon. Draped in a tiger-skin, Bhadra the auspicious, is seated on a Nagendra throne (15). He possesses a trident and a string of prayer-beads in his right hands, and a skull (kapal), a kundika (a water-pitcher or a kamandalu) and a pasha (noose.or rope) in his left hands, with two hands being held in yogic mudras or positions. (16).
विजय
एकवक्त्रं त्रिनेत्रं च शशाङ्ककृतशेखरम्। बृहद्भालकपालं च कण्ठग्रीवासुशोभितम् ॥ १७ ॥ चतुर्भुजं महाबाहुं शूलपङ्कजधृत्करम् । दिव्यरूपधरं देवं वरदाभयपाणिकम् ॥ १८ ॥
विजय देव एक मुख और तीन नेत्र वाला, जटा में चन्द्रमा को धारण किये हुए, विशाल मस्तक और कपाल वाला, सुन्दर कंठ और गले वाला, महा बलवान्, चार भुजाओं वाला, दाहिनी भुजाओं में त्रिशूल और कमल तथा बाँयी भुजाओं में वरदमुद्रा और अभयमुद्रा है। ऐसा दिव्य रूप धारण करने वाला विजय देव है।
Vijay
Vijay has one face and three eyes, and wears the moon, resplendent, in his hair. He has a large forehead, and his neck and throat are adorned by a large garland of skulls (17). He has