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________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् पुस्तक और कमल तथा दाहिनी दोनों भुजाओं में वरद और अक्षसूत्र (माला) मुकुट बनाना । यदि यह इसी आठ भुजा वाली बनाना हो तो बाँये चारों भुजा कमंडलु, धनुष, कमल और पुस्तक युक्त तथा दाहिनी चारों भुजायें वरदान, बाण, दर्पण और माला युक्त बनाना । 142 शांब और प्रद्युम्न (कामदेव) का और उनके देवियों का स्वरूप " शाम्बश्च गदाहस्तः प्रद्युम्नश्चापभृत्सुरूपश्च । अनयोः स्त्रियौ च कार्ये खेटक निस्त्रिंश-धारिण्यौ ॥” शांब कुमार दो भुजा वाला एक हाथ में गदा युक्त हो । प्रद्युन्न, कुमार (कामदेव) धनुष धारण करने वाला दो भुजा वाला सुन्दर रूप वाला है। इन दोनों की स्त्रियाँ खड्ग और ढाल धारण करने वाली बनाना । O
SR No.002234
Book TitleDevta Murti Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1999
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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