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देवतामूर्ति-प्रकरणम् जो शिला चक्र के मध्य में परशुराम की मूर्ति वाली दीखे वह जामदाग्न्य शिला जानना, उसका पूजन करने वाला किसी से पराङ्मुख नहीं होता । ।
When you see the image of Parashurama in the centre of a circle on a stone, know it to be a Jamdagnya chakra. One who reveres it will be second to none. (57). .
कौशल्यानन्दन
चक्रेण दृश्यते ब्रह्मन् बाणकार्मुकभृत्प्रभुः। .... कौशल्यानन्दनो राम: तृतीयः परिकीर्तितः ॥५८ ॥
चक्र के मध्य में बाण और धनुष को धारण करने वाला प्रभु दीखे तो वह कौशल्या माता का पुत्र तृतीय रामचन्द्र समझना। . If the Lord possessing a bow and arrow is seen within a circle on any stone, recognise it as. Kaushalyanandam Rama, (Rama, the son of Kaushalya). (58). . शुद्ध
तेन युक्तास्तु दृश्यन्ते पाषाणधृतरूपिणः । बुद्धांकितं भवेच्चक्रं महाद्रव्यप्रदं.च यत् ॥५९ ॥
जिस शिला में पाषाण धारण करने वाले का रूप दीखे वह बुद्ध चिह्न से युक्त वाली शिला अधिक द्रव्य देने वाली है।
If the image of Vishnu holding a mountain is seen, know that such a stone, bearing the mark of Buddha within a circle, will grant immense wealth (59). 'कत्की'-पुरुषोत्तम
पद्मासन
खड्ग्यासनसमारूढः खड्गधातृस्वरूपवान् । उभौ चक्रौ तु तत्रस्थौ स भवेत् पुरुषोत्तमः ॥६० ॥ मु. सीतायाः।
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