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________________ 402 * द्वारिका दहन और कृष्ण का देहान्त द्वारिका को लौट आये और इस प्रकार अपना कामकाज करने लगे मानों कुछ हुआ ही न हो। परन्तु कृष्ण को अपने गुप्तचरों द्वारा इन सब बातों का पता चल गया। उन्हें इससे बहुत ही दुःख हुआ। वे अपने मन में कहने लगे—“होनहार को कौन टाल सकता है ? इन अविचारी कुमारों को इतना भी ज्ञान नहीं है, कि इस कार्य द्वारा हम अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मार रहे हैं।" इसके बाद कृष्ण बलराम को साथ लेकर द्वैपायन मुनि को समझाने के . लिए उनके आश्रम में गये वहां कृष्ण ने देखा कि दृष्टि विष सर्प की भाति. द्वैपायन के नेत्र लाल हो रहे हैं। जिस प्रकार मतवाले हाथी को महावत पुचकार पुचकार कर शान्त करता है, उसी प्रकार कृष्ण उस महाभयंकर मुनि को समझाबुझाकर शान्त करने लगे। उन्होंने कहा-“हे मुनिराज! क्रोध महाशत्रु है। उसके कारण जीव को जन्मजन्मान्तर तक दु:ख मिला करता है। हे मुने!' मद्यपान से अन्धबनकर, अज्ञानता के कारण मेरे पुत्रों ने आपका जो अपराध • किया है, उसे आप क्षमा करिए। बच्चे स्वाभव से ही उत्पाती होते हैं, उन पर आपको इस प्रकार क्रोध न करना चाहिए।" इस प्रकार कृष्ण ने द्वैपायन को बहुत समझाया, किन्तु वह किसी तरह प्रसन्न न हुआ। उसने कहा- "तुम्हारे इन मधुर वचनों का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता। मैंने तुम लोगों के कल्याण के लिए वनवास स्वीकार किया, फिर भी तुम्हारे पुत्रों ने मुझे बेतरह अपमानित किया। उन्होंने मेरी जो दुर्गति की है, उसे तुम देख ही रहे हो। अब तो मैं प्रतिज्ञा से किसी प्रकार से टल नहीं सकता। हां, तुम दोनों भाई इस आपत्ति से अवश्य बच सकते हो। मैं तुम्हें अपना शिकार न बनाऊँगा।" द्वैपायन की यह बातें सुनकर बलराम ने कृष्ण से कहा-“किसी ने कहा भी है कि हाथ पैर और नाक यह तीनों जिसके टेड़े होते हैं, होठ, दांत और नाक यह तीनों जिसके स्थूल होते हैं, जिसके नेत्र विलक्षण और अंगोपाङ्गहीन होते हैं, वे कभी शान्त नहीं होते। आप चाहे जितने नम्र वचन कहेंगे, इस अधर्मी से चाहे जितनी क्षमा प्रार्थना करेंगे, किन्तु होनी होकर ही । रहेगी। वह किसी प्रकार टल नहीं सकती। नेमिनाथ भगवान का वचन किसी प्रकार मिथ्या नहीं हो सकता।"
SR No.002232
Book TitleNeminath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherRamchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages434
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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