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________________ | मनुष्य महिष अकेले ४८ देवगण राक्षस ४६ अश्व महिष ५०/ १ हजार साधु | ५३६ साधु ५१ तीन भव ६ भव ५२| इक्ष्वाकुवंश | हरिवंश ५३ ६ महीने ८ | ६ महीने र दिन दिन | राक्षस . मृग ३३ साधु १० भव इक्ष्वाकुवंश ६ महीने ६ दिन २७ भवं इक्ष्वाकुवंश ६ महीने सात दिन चक्रवर्ती नाम | आयु कायमान जनक |जननी | नगरी १ | भरत ८४ लाख पूर्व ५०० ध. ऋषभदेव सुमंगला. विनीता २ | सगर ७२ लाख पूर्व ४५० ध. सुमित्र यशोमती- अयोध्या ३ | मघवा । | ५ लाख वर्ष | ४२ ध. समुद्रविजय | भद्रादेवी | श्रावस्ती ४ सनत्कुमार ३ लाख वर्ष | ४१ ध. | अश्वसेन । सहदेवी हस्तिनापुर ५ शांतिनाथ | १ लाख वर्ष । ४० ध. | विश्वसेन. | अचिरा | गजपुर ६ कुंथुनाथ ६५ हजार वर्ष | ३५ ध. | सूरराज | श्रीदेवी | गजपुर ७ अरनाथ ८४ हजार वर्ष ३० ध. | सुदर्शन | देवी | गजपुर | सुभूम ६० हजार वर्ष | २८ ध. कृतवीर्य तारादेवी हस्तिनापुर महापद्म ३० हजार वर्ष | २० ध. | पद्मोत्तर ज्वालादेवी| वाराणसी हरिषेण १० हजार वर्ष | १५ ध महाहरि | मेरादेवी कांपिल्यपुर जय ३ हजार वर्ष | १२ ध. | विजय । वप्रादेवी | राजगृह १२ ब्रह्मदत्त । ७०० वर्ष । ७ ध. | ब्रह्मराज | चुलनी कांपिल्यपुर : तीर्थंकरों के संबंध की जानने योग्य जरूरी बातें : 342 :
SR No.002231
Book TitleTirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherRamchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages360
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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