________________
र भावपूर्ण कोटिशः वन्दन हो ...
卐 शासनसम्राट् ॥
W
RJ
शासन के सम्राट् अलौकिक, दिव्य गुणों के अनुपम धाम । तीर्थोद्धार धुरन्धर गुरुवर, नेमिसूरीश्वर तुम्हें प्रणाम ।। 卐 साहित्ययमाद ।
परस्परोपग्रहो जीवानाम
साहित्य सुधा सम्राट् सुपावन, काव्य-कला मन्दिर अभिराम । अत्र-जग में जगमग है गुरुवर, लावण्यसूरीश्वर तुम्हें प्रणाम।।
संयम के सम्राट् कलाधर, गुणगरिमा-युत सार्थक नाम। अमल-कमल शोभित गुरुवर, दक्ष सूरीश्वर तुम्हें प्रणाम ।।