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________________ श्री आनन्दघन पदावली-१०१ उसे देह को टिका रखने का भान न रहना स्वाभाविक है अर्थात् प्रेम के समक्ष खाना-पीना तथा देह भी निरर्थक है। सुमति कहती है कि मेरी विरह-वेदना नौ खड़े भालों जितनी अथाह है। ऐसा कौनसा मेरा मित्र वैद्य है जो मेरे हृदय की कसक दूर करे ? ।। ३ ।। विवेचन-सुमति कहती है कि मेरी विरह वेदना इतनी अगाध है कि उसकी थाह पाना असम्भव है। मेरे नेत्रों में से अाँसुत्रों का इतना प्रवाह हो रहा है कि यदि उसको गहराई नापी जाये तो नौ नेजों जितनी होगी अर्थात् नौ खड़े भालों जितनो गहराई जितना अश्रु-प्रवाह का जल एकत्र हो गया है। गालों पर हथेली लगाकर अर्थात् विचार-मग्न होकर शोक रूपी सागर में गोते खा रही हूँ, डूब रही हूँ। नेत्रों से आँसू बहा कर गालों पर लगी हुई हाथ रूपी बेल को सींच रही हूँ अर्थात् अत्यन्त दु:खी हो रही हूँ॥ ४ ॥ विवेचन-शुद्ध प्रेम-दशा में विरह की वेदना का पार नहीं होता। चेतन स्वामी के विरह में सुमति का हृदय मूच्छित सा हो रहा है। चक्षुत्रों से प्रवाहित अश्रु-प्रवाह से स्पष्ट है कि सुमति का चेतन स्वामी के साथ कितना अगाध प्रेम है ! स्वामी कुमति के घर जाता है, इसमें सुमति का लेशमात्र भी दोष नहीं है, फिर भी उसका स्वामी के प्रति कितना प्रेम है ! सुमति का स्वामी के प्रति उत्तम शुद्ध प्रेम है। उसके हृदय का प्रेम स्वर्ण के समान निर्मल है। श्रीमद् आनन्दघनजी ने प्रस्तुत पद्यांश में सुमति का अपूर्व प्रेम प्रदर्शित किया है और सुमति की प्रेम दशा का वास्तविक चित्रण किया है। प्रात्मस्वामी की प्राप्ति में शुद्ध प्रेम की आवश्यकता है। शुद्धप्रेम के कारण आत्मा की अप्राप्ति के समय विरह-वेदना का अनुभव होता है। सुमति प्रात्मा के अभाव में व्याकुल रहती है। वह आत्मस्वामी के मिलाप के लिए आतुर है। उसे तनिक भी चैन नहीं मिलता। आत्मा की प्राप्ति के लिए आत्म-प्रेम-रमणता की आवश्यकता है और उस प्रकार का प्रेम सुमति के हृदय में होने से वह आत्म-स्वामी के वियोग में ऐसी विरह-दशा का अनुभव करती है। सावन-भादौं की घनघोर घटाओं के मध्य कभी-कभी बिजली । चमक जाती है। अर्थात् विरह दशा में चेतन की विभाव दशा में
SR No.002230
Book TitleYogiraj Anandghanji evam Unka Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNainmal V Surana
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year1997
Total Pages442
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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