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Uvavaiya Suttam Su. 10
पद्म-कमल या पद्म नामक सुगन्धित-द्रव्य तथा उत्पल-नीले कमल अथवा उत्पल कुष्ट नामक सुगन्धित द्रव्य के समान निःश्वास से सुरभित-सुरभिमय (प्रभु का ) मुख था। उनकी त्वचा कोमल एवं सुन्दर थी, नीरोग, उत्तम, शुभ, अत्यन्त श्वेत, अनुपम मांस से युक्त, जल्ल-कठिनाई से छूटने वाला मैल, मल्ल-स्वल्प प्रयत्न से छूटने वाला मैल, कलंक-दाग / धब्बे, स्वेदपसीना, रज-दोष-मिट्टी लगने से (विकृति ) रहित, भगवान् का शरीर था। अतएव उस पर मैल जम ही नहीं सकता था। उनका प्रत्येक अंग अत्यन्त स्वच्छ, कान्ति से प्रकाशमान था।
He was seven cubits in height, with the whole frame wellproportioned. The bone-joints were specially strong. The air inside the body was wholesome. His kidney was as good as that of kanka (a bird known for. its good kidney). His digestive organs were as perfect as that of a pigeon. The lower part of the body was as smooth as that of the birds. His back and thigh bones were graceful. The air he breathed out was as fragrant as the fragrance of the ordinary and blue lotus. His skin was tender and smooth. His flesh was free from any 'germ, healthy, good, white and incomparable. His body took no dirt, deep or light, spot,. sweat or dust. Hence it was shining all the while.
___ घण-निचिय-सुबद्ध-लक्खणुण्णय-कूडागार-निभ-पिंडि-अग्ग सिरए सामलि-बोंड - घण - निचियच्छोडिय - मिउ - विसय - पसत्थ -सुहुम - लक्खण-सुगंध-सुंदर-भुअमोअग-भिंग-नेल-कज्जल-पहिट्ठ - भमर - गण - णिद्ध निकुरुंब-निचिय-कुंचिय-पयाहिणा-वत्त-मुद्ध-सिरए दालिम-पुप्फप्पगास-तवणिज्ज-सरिस-निम्मल-सुणिद्ध-केसंत-केसभूमी ।
अत्यधिक ठोस या सघन सुबद्ध स्नायुबन्ध सहित, श्रेष्ठ लक्षणों से युक्त पर्वत के शिखर के समान आकार वाला एवं पत्थर की गोल पिण्डी के समान उन्नत उनका मस्तक था, बारीक रूई से ठोस भरे सेमल वृक्ष के फल फटने