________________
え
Uvavaiya Suttam Sû. 1
delightful because of the bumper crop, furrowed by hundreds and thousands of ploughs and punctuated by boundary lines which provided necessary ways and bypasses. In that city, there were many swarms of cocks and herds of young bulls. The soil yielded a rich crop of sugarcane, barley and sali paddy, and there were innumerable cows, buffaloes and rams living in the city.
अरिहंत चेइय-जणवइ-विसण्णि-विट्ठ-बहुले गंठ-भेय ( ग ) -भड तक्कर- खंडरक्ख- रहिया खेमा णिरुवद्दवा |
उक्कोडिय-गाय
वहीं बड़े-बड़े सुन्दर अर्हत् चैत्यों और साधुजनों के रहने योग्य विविध पौषधशालाओं का बाहुल्य था । उस नगरी में न तो लांच ( रिश्वत ) लेने वाले जन थे, न गुप्तरीति से गांठ कतरने वाले ग्रन्थिच्छेदक लुटेरे थे, न जबरदस्ती लूटने वाले डाकू थे, न चोर थे, और न चुंगी वसूल करने वाले जन ही थे । इसीलिये वह नगरी सुख-शान्तिमय एवं उपद्रवशून्य थी ।
The city had many beautiful Arhat temples (caityas), and various upåśrayas where monks could stay. It was free from bribe-takers, pick-pockets, commodity-lifters, robbers and octroi-collectors. It was free from troubles, even in its tenor of life and free from excesses committed by the rulers.
सुभिक्खा वीसत्य- सुहावासा अणेग कोडि कुटुंबिया-इण्णfrog-सुहा गड-ग- जल्ल-मल्ल- मुट्ठिय-वेलंब य-कहग-पवग-लासगआइक्खग-लंख-मंख-तूणइल्ल- तुंब - वीणिय अणेग - तालायराणुचरिया आरामुज्जाण-अगड-तलाग-दीहिय-वप्पिणि-गुणो-ववेया नंदणवण
सन्निभ - पगासा |
वहाँ भिक्षुओं को भिक्षा सुलभ थी, उस नगरी में निवास करने में सब आश्वस्त थे, सुख मानते थे । अनेक श्रेणी के पारिवारिक जनों की घनी बस्ती होते हुए भी वह नगरी शान्तिमय थी । नाटक करने वालों से, नृत्यक्रिया में निष्णात व्यक्तियों से, रस्सी पर चढ़कर कला दिखाने वालों से,