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उववाइय सुत्तं सू० २७
"This will help This will give us bliss. This will help us in
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us in this life as well as in life hereafter. This will wipe clean adverse situations. the attainment of perfection."
त्ति कट्टु बहवे उग्गा उग्गपुत्ता भोगा भोगपुत्ता एवं दुपडोआरेणं राइण्णा खत्तिआ माहणा भडा जोहा पसत्थारो मल्लई लेच्छई लेच्छईपुत्ता अण्णे य बहुवे राईसर-तलवर माडंबिय - कोडुंबिअइन्भ सेट्ठि सेणावइ - सत्यवाह - पभितिओ अप्पेगइआ वंदण - वत्तिअं अप्पेगइआ पूअणवत्तिअं एवं सक्कारवत्तियं सम्माणवत्तियं दंसणवत्तियं कोऊहलवत्तियं ।
यों विचार-विमर्श करते हुए बहुत से उग्रों- आरक्षक अधिकारियों, उग्रपुत्रों - कुमार अवस्था वाले उग्रवंशी, भोगों - राजा के मन्त्रिमण्डल के सदस्यों, भोगपुत्रों, राजान्यों - राजा के परामर्शक मण्डल के सदस्यों, अर्थात् इक्ष्वाकुवंशीयों, ज्ञातवंशीयों और कुरुवंशीयों, क्षत्रियों - सामान्य राजकुलीन, ब्राह्मणों, सुभटों, योद्धाओं - युद्धोपजीवी सैनिकों, प्रशास्ताओं - प्रशासनिक अधिकारियों, मल्लकियों - मल्ल गणराज्य के सदस्यों, मल्लकीपुत्रों, लिच्छवियों - लिच्छवि गणराज्य के सदस्यों, लच्छवीपुत्रों तथा अन्य अनेक राजाओं - माण्डलिक नरपतियों, ईश्वरों - युवराजाओं, या प्रभावशील एवं ऐश्वर्यशाली पुरुषों, तलवरों - पट्टबन्ध विभूषित राज सम्मानित विशिष्ट नागरिकों, मार्डविकों - जागीरदारों, कौटुम्बिकों - बड़े-बड़े परिवारों के प्रमुख व्यक्तियों, इभ्यों - वैभवशाली जनों, श्रेष्ठियों- सुव्यवहार और धन-वैभव से प्रतिष्ठाप्राप्त सेठों, सेनापतियों, सार्थवाहों-छोटे-छोटे व्यापारियों को साथ लिये देशान्तर में व्यापार करने वाले समर्थ व्यापारियों, इन सभी के पुत्रों में से, कई एक वन्दन हेतु, कई एक पूजा करने के लिये, कई एक सत्कार हेतु, कई एक सम्मान हेतु, कई एक दर्शन हेतु, और कई एक उत्सुकता पूर्ति हेतु भगवान् के सान्निध्य में आने को समुद्यत हुए ।
Having discussed like this, a vast crowd of people prepared