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Uvavaiya Suttam su. 20 वह त्युत्सर्ग क्या है ? उसके कौन-कौन से भेद हैं ?
व्युत्सर्ग दो प्रकार का बतलाया गया है। जो इस प्रकार हैं : (१) द्रव्य व्युत्सर्ग, (२) भाव व्युत्सर्ग ।
... What is vyutsarga or renunciation of the soul ?
It has two types, viz., renunciation of objects and renunciation of cogoition.
से कि तं दव्व-विउस्सग्गे? . दव्व-विउस्सग्गे चउविहे पण्णत्ते । तं जहा--सरीरविउस्सग्गे गणविउस्सग्गे उवहिविउस्सगे भत्तपाणावउस्सग्गे। से तं दव्वविउस्सग्गे।
से वह द्रव्य व्युत्सर्ग क्या है ? वह कितने प्रकार का है ? ।
द्रव्य व्युत्सर्ग चार प्रकार का बतलाया गया है, जो इस प्रकार है : (१) शरीर व्युत्सर्ग-शरीर और शारीरिक सम्बन्धों की आसक्ति-- ममता का त्याग, (२) गणव्युत्सर्ग--गण और गण के ममत्व का विसर्जन, (३) उपाधि व्युत्सर्ग-उपाधि--साधन-सामग्रीगत 'ममत्व का त्याग य साधन-सामग्री को आकर्षक बनाने हेतु प्रयुक्त होने वाले उपायों का त्याग, (४) भक्तपान-व्युत्सर्ग --आहार-पानी का, तद्गत लोलुपता का परित्याग । इस प्रकार यह द्रव्य व्युत्सर्ग का स्वरूप कहा गया है।
What is renunciation of objects ?
It has four types, viz., renunciation of (attachment to) the body, renunciation of gana (and of pride that goes with it), renunciation of objects in use by the monks (and of attachment to them), and renunciation of food and drink and of attachment to them).