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अस्य ग्रन्थस्य पुनर्मुद्रणाधिकारः प्रकाशकेन स्वायत्तीकृतः । प्रकाशन तिथिवि० सं० २०४३ कार्तिक सुद १५ ता० ५-११-८६ गुरुवार । श्री शत्रुजय महातीर्थ पर द्राविड वारिखिल्लजी दश क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष जाने का दिन। . मूल्य ४५) प्रथमावृत्ति ११११
इस ग्रन्थ के आधार-भूत ग्रन्य--
१. श्री सिद्धहेमलवुवृत्त्याः अवचरिः २।। अध्याय २. श्री सिद्धहेमशब्दानुशासनबृहद्वत्तिः ३. श्री सिद्धहेमशब्दानुशासनबृहन्यासः ४. श्री सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुन्यासः ५. अभिधान चिन्तामणिस्वोपज्ञः ६. श्री सिद्धहेमशब्दानुशासन मध्यमवृत्तिः मध्यमवृत्त्याः अवचरिश्च ७. श्री हेमप्रकाश: ८. न्यायसंग्रह इत्यादि ... .
अनुक्रमणिकाप्रथम भाग में-१ से १० पाद द्वितीय भाग में-११ से २० पाद . तृतीय भाग में छठा व सातवां अध्याय चतुर्थ भाग में सूत्रानुक्रम, शुद्धिपत्रक, न्याय, धातुपाठ आदि साधु-साध्वी के विहारोपयोगी ६ भाग-- प्रथम भाग-षटपादों यावत द्वितीय भाग-७ से १० पाद तृतीय भाग-११ से १६ पाद चतुर्थ भाग-पञ्चमाध्यायः ।। पञ्चम भाग-षष्ठ-सप्तमौ अध्यायो षष्ठ भाग-सूत्रानुक्रम, शुद्धिपत्रक, न्याय, धातुपाठ आदि मुद्रण कार्य-हँसमुखलाल जैन लक्ष्मी प्रेस, १४ नागरिक विश्राम गृह, कॉलेज रोड़, रतलाम (म. प्र.)