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कलिकालसर्वज्ञश्री हेमचन्द्राचार्यविरचितम्
श्रीसिद्धहेमचन्द्र
शब्दानुशासनम्
(स्वोपज्ञलघुवृत्ति - गुण रत्नावृत्ति - संवलितम् )
( सार्धद्वयाध्यायात्मकम् ) .
- गुणरत्नावृत्तिकार
परमपूज्य मुनिराज श्रीकमलरत्न विजयजी महाराजा साहेब के शिष्यरत्न
"मुनिश्री दर्शन रत्नविजयजी म. मुनिश्री विमलरत्नविजयजी म.
- प्रकाशक
श्री जैन श्राविका संघ
पो. पिण्डवाडा [ राजस्थान ]
स्टे. सिरोही रोड (वे. रेल्वे ) पिन - ३०७०२२