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________________ प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन विषय बाधित पक्षाभास के भेद प्रत्यक्षबाधित पक्षाभास का उदाहरण अनुमानबाधित पक्षाभास का उदाहरण आगमबाधित पक्षाभास का उदाहरण लोकबाधित पक्षाभास का उदाहरण स्ववचनबाधित पक्षाभास का उदाहरण हेत्वाभास के भेद असिद्ध हेत्वाभास का स्वरूप स्वरूपासिद्ध का उदाहरण संदिग्धासिद्ध का उदाहरण विरुद्ध हेत्वाभास का स्वरूप और उदाहरण अनैकान्तिक हेत्वाभास का स्वरूप निश्चितविपक्षवृत्ति का उदाहरण शंकितविपक्षवृत्ति का उदाहरण अकिंचित्कर हेत्वाभास का स्वरूप और उदाहरण अन्वय दृष्टान्ताभास के भेद और उदाहरण व्यतिरेक दृष्टान्ताभास के भेद और उदाहरण बालप्रयोगाभास का स्वरूप बालप्रयोगाभास का उदाहरण आगमाभास का स्वरूप आगमाभास का लौकिक उदाहरण आगमाभास का शास्त्रीय उदाहरण संख्याभास का स्वरूप विषयाभास का स्वरूप फलाभास का स्वरूप स्वपक्ष साधन और परपक्ष दूषण व्यवस्था
SR No.002226
Book TitlePrameykamalmarttand Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1998
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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