SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 47
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नवाद -३२ प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन ... विषय ब्रह्माद्वैतवाद विज्ञानाद्वैतवाद चित्राद्वैतवाद शून्याद्वैतवाद स्वव्यवसाय का स्वरूप अचेतनज्ञानवाद साकारज्ञानवाद भूतचैतन्यवाद स्वसंवेदनज्ञानवाद सुखादि में प्रत्यक्षत्व की सिद्धि ज्ञानान्तरवेद्यज्ञानवाद प्रामाण्यविचार द्वितीय परिच्छेद प्रत्यक्षैकप्रमाणवाद प्रमाण के भेद प्रमेय के भेद से प्रमाणद्वित्व का विचार षट्प्रमाणवाद आगम प्रमाण विचार उपमान प्रमाण विचार अर्थापत्ति प्रमाण विचार अर्थापत्ति का अनुमान में अन्तर्भाव अभाव का प्रत्यक्षादि में अन्तर्भाव शक्तिसद्भाव विचार प्रत्यक्ष का लक्षण वैशद्य का स्वरूप न्यायदर्शन में प्रत्यक्षलक्षण विचार
SR No.002226
Book TitlePrameykamalmarttand Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1998
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy