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| चिन्तन हैम, संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ___ (तुम्) | ४५ २६. भमरो पुष्पमांथी रस चुंसवा ४१. | रानी बीनाने मलवा माटे माटे जाय छे
बगीचामां जाय छे २७. कपिल खेलवा माटे बोल ४२. दर्शन पूजा करवा माटे देरालावे छे
सर जाय छे २८. | विकास आंगी रचवा माटे ४३. | सैनिक युद्ध करवा माटे वरख लावे छे
तैयारी करे छे २९. / लीना चाय बनाववा माटे ४४. | इनाम लेवा माटे बालको | उभी छे .
उत्सुक थाय छे ३०. चोर चोरी करवा माटे राज- नदी तरवा माटे नाविको महेलमां जाय छे
| जहाज लावे छे ३१. | वेपारी वस्तु तोलवा माटे ४६. | रूपेश सामान भरवा माटे दुकानमां बेठो छे .
| रिक्सा लावे छे ३२. | मीरा नृत्य करवा माटे धुंघरूं ४७. गाडी रोकवा माटे सिग्नल लावे छे ।
बतावे छे स्मिता भणवा माटे स्नेहा ४८. चाय पीवा माटे दोस्त ने
पासेथी किताब लावे छे . बोलावे (आँ) छे ३४. सुगन्धी जाप करवा माटे बेठी ४९. चोरने पकडवा माटे पोलिस
आवे छे
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|धीरज बलवा माटे जाय छे | ५०. | फल वेचवा माटे रेकडी रानी भणवा माटे दीनाना घरे | आवे छे जाय छे
| ५१. सखियो वरने जोवा माटे तरुण तजवा माटे तैयार थाय दोडे छे
५२. | केदियो छुटवा माटे प्रयत्न | सोनु निन्दा करवा माटे उभी करे छे
५३. रेश्मा पाणी भरवा माटे नदीए | अशोक रक्षण करवा माटे| | आवे छे
| तलवार लईने आवे छे । | ५४. | खेडुत अनाज वाववा माटे ४०. | धनपाल व्यापार करवा माटे बीज लावे छे परदेश जाय छे
| ५५. | जंगलमा हरण भक्षण करवा