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तुम्
|४४ (तुम्)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह | अमे बे ७मी नरकमां न जईए? । | प्रयत्न करे छे. २७. | राजा राज्य न करे | ११. | भिक्षुक खावा माटे भिख २८. प्रधान आज्ञा न पाले
मांगवा (माटे) जाय. छे । राजकुंवरी चिन्ता न करे | १२. राम नमवा माटे तैयार थाय छे ३०. अश्व न दोडे
१३. | रीना कूवामां पडवा माटे जाय राणी पूजा न करे । ३२. | राजा युद्ध न करे
ललिता तजवा माटे तैयार ३३. हुं लेख न लखुं ?
थाय छे .
| सैनिको लडाईमां दुःश्मनोने वर वधु प्रार्थना करवा माटे
जितवा माटे जाय छे .. मन्दिरमा जाय छे
वकिल कोर्टमां (के स ) - अप्सरा नृत्य करवा माटे सज्ज
जीतवा माटे जाय छे थाय छे
१७. पक्षी उडवा माटे वृक्ष उपरथी| विसामो लेवा माटे हुं ओटला
| आकाशमां जाय छे. उपर बेठी छं
१८. | | रूपेश भोजन करवा माटे नवीन टी.वी. देखवा माटे
फेक्टरीथी आवे छे । सोफा उपर बेठो छे
| १९. हुं लखवा माटे टेबल लऊ छं | राजु वांचवा माटे नेहा पासेथी
२०. | गायक गीतो गावा माटे चोपडी मांगे छे
| विदेश जाय छे ६. स्त्री पोता- रक्षण करवा माटे
२१.. मुनि ध्यानधरवा माटे वृक्षनी |भाई ने बोलवे छे
नीचे बेसे छे तप करवा माटे हुं झंखना
| २२. | नेताओ भाषण देवा माटे करती हती
आम तेम फरे छे ८. सुरसेन भीमसेनने भेटवा माटे | २३. | गोवालो आजीविका चलाउभो छे
ववा माटे पशु पाले छे। ९. पितानी सेवा करवा माटे पत्र | २४. | बिलाडी उंदरने पकडवा माटे आवे छे
इच्छे छे १०. साधु कर्म क्षय करवा माटे | २५. | उपाश्रयमां आराधना करवा
| माटे बेनो आवे छे