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जोईए
नथी .
||३६] (विना)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ४४. | भाव विना भक्ती थती नथी जाय छे ४५. | दया विना धर्म थतो नथी । ६५. | भक्तने भगवान् विना गमतुं ४६. चाँद विना चाँदनी थती नथी | नथी
वादल विना पाणी वरसतुं| ६६. चीकुंने चोकलेट विना गमवू नथी दशी विना ओघो बनतो नथी ६७. | मारे अनुकुलता विना जीव, | जित विना अरिष्ठ लखे छे । | जोईए मोनिका विना सोनिका भणे ६८. हुं आज्ञा विना सूई जावू ?
६९. | जिनेश पुष्प विना पूजा करवा ५१. हुं चश्मा विना जोती नथी (माटे) जाय छे फुल विना सुगन्धं आवती | ७०. भगवाननी आज्ञा विना
| माणसोए आगल न जवू हुं विचार्या विना वाक्यो बोलुं जोईए
७१. | जीवो नारकीमां इच्छा विना नेम विना राजुल रडती हती | दुःख भोगवे छे राजा विना राणी शोभती नथी | ७२. | ते पुण्य विना सुख मेलवे ?
गुरुदेव विना ज्ञान मलतुं नथी | ७३. | बालक प्रोत्साहन विना ५७. | त्याग विना तप थतो नथी आगल वधे ?
पाँख विना पोपट उडतो नथी | ७४. | मीना विना रीना देरासर जाय हुं लेशन कर्या विना पाठशाला जावू ?
७५. | अञ्ज विना निशा भणती नथी हुं गुरुदेवनी आज्ञा विना आq | ७६. अल्पा विना शिल्पा फरे छ ।
| दीपालि दीपक विना पूजा करे| | राजानी आज्ञा विना प्रधान काम करे छे
जया बूक विना पाठशाला गई ते भगवान्नी आज्ञा पालन |
विना मुक्ति मेलवतो नथी । | तारे चम्पल विना दहेरासर जवं ६३. ते दुःख भोगव्या विना सुख | जोईए मेलवतो नथी
| हाथ विना काम (र्य) थतुं ६४. | निलेश जम्या विना बजार नथी .
हती
७९.