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________________ चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (वर्तमान कर्तरि+भावे...) | २९|| ८. |तुं क्रोध करे छे तारा वडे क्रोध कराय छे ९. तुं लई जाय छे | तारा वडे लई जवाय छे १०. | तुं प्रकाशे छे तारा वडे प्रकाशाय छे ११. तुं दोडे छे तारा वडे दोडाय छे १२. | तुंबळे छे तारा वडे बलाय छे १३. | तुं मळे छे वडे मलाय छे १४. | तुं लखे छे वडे लखाय छे १५. | तुं नाशे छे तारा वडे नशाय छे | तुं वरसे छे तारा वडे वरसाय छे तुं वा छे तारा वडे ववाय छे | तुं धोवे छे तारा वडे धोवाय छे तुं ध्यान करे छे तारा वडे ध्यान कराय छे तुं उडे छे तारा वडे उडाय छे तुं भणे छे ... तारा वडे भणाय छे | तुं फरे छे । तारा वडे फराय छे करे छे तारा वडे कराय छे २४. तुं पडे छे तारा वडे पडाय छे तुं रडे छे तारा वडे रडाय छे तुं खरे छे । वडे खराय छे २७. | तुं आचरे छे वडे आचराय छे २८. | तुं त्यजे छे. | तारा वडे त्यजाय छे २९. | तुं गणत्री करे छे तारा वडे गणत्री कराय छे तुं जपे. छे. ३०. तारा वडे जपाय छे .. ३१. | तुं फरके छे ३१. | तेना वडे फरकाय छे . वर्तमान कर्तरि + भावे (तृतीय पुरुष) १. | ते पामे छे | तेना वडे पमाय छे | ते गाय छे तेना वडे गवाय छे ते पूछे छे तेना वडे पूछाय छे | ते तरे छे तेना वडे तराय छे All Cell Cell Tara
SR No.002223
Book TitleChintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaresh L Kubadiya
PublisherHaresh L Kubadiya
Publication Year2005
Total Pages134
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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