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चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (वर्तमान कर्तरि भावे...) | २७ १०६, लीलो बाम
१२०. बहादुर शेर १०७/ पवित्र गङ्गा
१२१. प्रशस्त राजा १०८ सुखी प्रजा
१२२. तीक्ष्ण बुद्धि १०९, न्यायी राजा
१२३. कोमल काया ११०. बलती आग
१२४. काचो मार्ग १११. खीलती कली
१२५. ममतालु माता ११२. जीन्स पेण्ट
१२६. प्रेमालु पिता ११३. नटखट गुड़ियाँ
१२७. निर्मल जल ११४. झुलतो पुल
१२८. रंगीन टी.वी. ११५. वहेती नदी
१२९. अपार सम्पत्ति ११६. भोलो शंकर
१३०. घोर उपसर्ग ११७. रूपाळी राधा
१३१. तरुण वय ११८, उदास रवि
१३२. पावन शीला ११९. मधुर वाणी
१३३. डुबती नैया . वर्तमान कर्तरि + भावे (प्रथम-पुरुष) | हुं नमुं छु .. . १. |मारा वडे नमाय छे | हुं पुरुं करूं छु
२. |मारा वडे पुरूं कराय छे ३. हुं बारीकीथी जोवू छु
३. मारा वडे बारीकीथी जोवाय छे | हुं यत्न करूं छु
मारा वडे यत्न कराय छे हुं हुकम करूं छु
|मारा वडे हुकम कराय छे हुँ उद्धार करुं छु
मारा वडे उद्धार कराय छे हुं आश्रय लq छु
|मारा वडे आश्रय लेवाय छे हुं मांगुं छु
मारा वडे मंगाय छे हुं रोकुं छु
मारा वडे रोकाय छे हुं विचारुं छु .
मारा वडे विचारय छे हुं गोतुं छु
मारा वडे गोताय छे | हुं काढुं छु
मारा वडे कढाय छे | हुं जीतुं छु
मारा वडे जीताय छे हुं मारूं छु
१४. मारा वडे नचाय छे
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