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| चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (गौण नाम षष्ठी) | ९९||
| समुद्र अने तलाव समुद्रश्च ११. | रामनो पुत्र कुश छे
| कासारश्च समुद्रकासारौ | १२.| जैन धर्मनो इतिहास महान् छे ५९. | राजा अने प्रजा नृपश्च प्रजा च १३.| आदीश्वर भगवान्नो यक्ष नृप-प्रजे
कवड यक्ष छे | लाकडी अने लाकडु दण्डश्च १४. | शेठनो बंगलो छे
| काष्ठञ्च दण्ड-काष्ठे १५. राजानो महेल छे ६१. | विद्यार्थी अने विद्वान् छात्रश्च १६. राणीनो कण्ठ मधुर हतो प्राज्ञश्च छात्र-प्राज्ञौ
युवराजनो जन्म श्रीपुरमां थयो | साधु अने साध्वी श्रमणश्च युवराजनो गुस्सो जोरदार हतो आर्या च श्रमणार्ये
राजकुंवरीनो मण्डप शोभवो | सासू अने वहू श्वश्रूश्च वधूश्च जोईए | श्वश्रू-वध्वौ
दासीनो संदेशो मल्यो हतो ६४. | ग्राम अने नगर ग्रामश्च नगरञ्च राजानो न्याय सत्य छे | ग्राम-नगरे ।
२२. | मुकुटनो हीरो चमकतो हतो ६५. | शक्ति अने श्रद्धा बलञ्च श्रद्धा प्रधाननो साथ राजाने जोईए च बल-श्रद्धे
२४. शंखेश्वरनो महिमा अपरम्पार छे| गौण नाम षष्ठी । आचार्य महाराज साहेब
शकेश्वरनो छरी पालित संघ | राकेश रस-गुल्लानो भोगी छे
कढाव्यो हतो २. | मोदक मोनिकनो छे
| नोळियानो सम्बन्ध सर्प साथे | बिरबल अकबरनो मन्त्री छे ४. | राजानो मन्त्री ईमानदार छ ।
| २७. | सञ्जय सुशीलनो भाईबन्ध छे ५. | भरतनो भाई बाहुबली छे ।
साधुओनो समुदाय मोटो छे | इच्छानो रोध ए ज तप छे
कमठ- पार्श्वनाथ भग-वान्नी | पुत्रीनो वियोग माताने रडावे छे
साथे (सार्धम् ) १० भवथी | पापनो डर राखवो जोईए |
वेर हतुं | सामायिक नो अर्थ छ,
नीलमनो फोटो सुन्दर छे समभावमा रहेवू
| सुरसुन्दरीनो पति राज-कुमार | वीरनो अभिग्रह पूर्ण थयो राजा | द्रोपदीनो स्वयंवर रचे छे
| ३२. | साधुनो वेश तारणहार छे
२३.
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३१. सुरसुन्दरीना