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||९८ (द्वन्द्व)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह मुखवस्त्रिके
४३. चोर अने सिपाही स्तेनश्च निशा अने सूरज सूरजश्च निशा सैनिकश्च स्तेन-सैनिको च सूरज-निशे
| ४४. खावं अने पीवं भक्षणञ्च वेलडी अने डाल लता च पानञ्च भक्षण-पाने शाखा च लता-शाखे
| रत्न अने माणेक रत्नञ्च पांदडुं अने पुष्प पर्णञ्च पुष्पञ्च माणिक्यञ्च रत्न-माणिक्ये. पर्ण-पुष्पे
| ४६. | डाह्यो अने खराब प्राज्ञ श्च | सवार अने सांज प्रातश्च | कापुरुषश्च प्राज्ञ-कापुरुषौ प्रदोषश्च प्रातः-प्रदोषौ ४७. हाथी अने वांदरो गजश्च आम्बो अने लिम्बडो माकन्दश्च वानरश्च गज-वानरौ निम्बश्च माकन्द-निम्बौ ४८. सुख अने दु:ख सुखञ्च मान अने माया मानश्च माया दुःखञ्च सुख-दुःखे च मान-माये
| ४९. गुरु अने शिष्य गुरुश्च शिष्यश्च | सुनन्दा अने सुमङ्गला सुनन्दा
गुरु-शिष्यौ च सुमङ्गला च सुनन्दा- | ५०. गधेडं अने पशु रासभश्च मृगश्च सुमङ्गले
| रासभ-मृगौ ज्ञान अने अज्ञान ज्ञानञ्च ५१. नियम अने वाक्य नियमश्च अज्ञानञ्च ज्ञानाज्ञाने
वाक्यञ्च नियम-वाक्ये कूवो अने नदी कूपश्च नदी च | ५२. | पुष्प अने फल कु सुमञ्च कूप-नद्यौ
फलञ्च कुसुम-फले ससरो अने जमाई श्वशूरश्च ५३. | | तडाव अने कूवो कासारश्च जामाता च श्वशूर-जामातारौ कूपश्च कासार-कूपौ उदय अने अस्त उदयश्च ५४. | कागडो अने घूवड काकश्च अस्तश्च उदयास्तौ
| उलूकश्च काकोलूको वीर अने गौतम वीरश्च गौतमश्च | ५५. | तीर अने तलवार तीरञ्च वीर-गौतमौ
असिश्च तीरासी सज्जन अने दुर्जन साधुश्च ५६. गंगा अने यमुना गङ्गा च दुर्जनश्च साधु-दुर्जनौ ।
यमुना च गङ्गा-यमुने . तडको अने छांयो आतपश्च | ५७. | ब्रह्मा अने ब्राह्मण ब्रह्मा च | छाया च आतप-छाये
ब्राह्मणश्च ब्रह्म-ब्राह्मणौ