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कर्तरि
पचथ
चिन्तन हैम संस्कृत धातु रूप कोश १०८ पच् .. गण-१ उभय. ५4, २५.
पकाना, रसोई बनाना
कर्तरि पचामि पचावः पचामः
पचावहे पचामहे पचसि पचथः
पचसे पचेथे पचध्वे पचति पचतः पचन्ति पचते पचेते पचन्ते अपचम् अपचाव अपचाम अपचे अपचावहि अपचामहि अपचः अपचतम् अपचत अपचथाः अपचेथाम् अपचध्वम् अपचत् । अपचताम् . अपचन् अपचत अपचेताम् अपचन्त पचेयम् पचेव पचेम पचेय पचेवहि पचेमहि पचेः पचेतम् पचेत. पचेथाः पचेयाथाम् पचेध्वम् पचेत् पचेताम् . पचेयुः पचेत पचेयाताम् पचेरन् पचानि पचाव पचाम पचै पचावहै पचामहै
पचतम् पचत पचस्व पचेथाम् पचध्वम् ( पचतु
पचतीम् पचन्तु पचताम् पचेताम् पचन्ताम् ___ गण-१ उभय. ४२९॥ ४२y, 45 ४.
हरण करना, ले जाना, ले लेना
पच
पचतु
हरामः हरथ हरन्ति
हरसे
हरामि हरसि हरति अहरम् अहरः अहरत् हरेयम्
हरावः हरथः हरतः अहराव अहरतम् अहरताम् हरेव हरेतम् हरेताम् हराव हरतम् हरताम्
हरावहे
हरेथे हरते हरेते अहरे अहरावहि अहरथाः अहरेथाम् अहरत अहरेताम् हरेय । हरेवहि हरेथाः हरेयाथाम् हरेत हरेयाताम्
हरावहै हरस्व हरेथाम् हरताम हरेताम
अहराम अहरत अहरन् हरेम हरेत हरेयुः हराम हरत हरन्तु
हरामहे हरध्वे हरन्ते अहरामहि अहरध्वम् अहरन्त हरेमहि हरेध्वम् हरेरन् हरामहै हरध्वम् हन्ताम
हरेः
हरेत् हराणि
हर
हरतु